मौनी अमावस किया गया गंगा स्नान है विशेष फलदाई – स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज  

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हरिद्वार,

गंगा स्नान किसी भी दिन हो नि:संदेह पुण्यकारी है लेकिन मौनी अमावस जैसे पवित्र पर्व में ऐसा स्नान स्वर्ण सौरभ अर्थात् सोने में सुहागे का काम करता है। यह सद्विचार महामण्डलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने श्रीकृष्णकृपा धाम हरिद्वार में मौनी अमावस पर स्नान करने आए असंख्य श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस दिन गंगा जल में देवताओं का वास होता है। इसलिए मौनी अमावस के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है एवं पितरों की पूजा करना शुभ फलदाई माना गया है। मौनी अमावस के दिन ज्यादा ध्यान वाणी पर रखा जाता है। इस दिन वाणी और मन पर संयम रखना बेहद जरूरी है। जप-तप और दान का भी विशेष महत्व है। गीता मनीषी ने कहा कि भारत में आस्था की नींव कितनी मजबूत है यह पता चलता है तीर्थों में आकर कर। शीत लहर का प्र्रभाव अपने स्थान पर है ही लेकिन श्रद्धा आस्था की दृढ़ता जब होती है तो किसी प्रकार की ये बधाएं सामने नहीं आ पाती। इसलिए तीव्र शीत लहर में भी हजारों श्रद्धालुओं के द्वारा गंगा जी में आस्था की डुबकी लगाते हुए देखकर कोई भी यह समझ सकता है कि युगों से चल रहा गंगा जी का यह अखण्ड अमृत प्रवाह आज भी जीवंत आस्था लिए हुए है। श्रीकृष्णकृपा धाम हरिद्वार में मौनी अमावस के उपलक्ष्य में विशेष रूप से गीता जी के मोक्ष सन्यास योग 18वें अध्याय का हवन-यज्ञ किया गया। इस अवसर पर अम्बाला शहर से पधारे चावला परिवार द्वारा अपने पूज्य पिताश्री रामजीदास चावला की पुण्य स्मृति के उपलक्ष्य में संतों का भंडारा किया गया। इस अवसर पर चावला परिवार के सदस्य अशोक चावला, सतीश कपूर, केवल चावला, पंडित तिलक राज शर्मा, हैप्पी चावला, राजू चावला, राजीव चावला इत्यादि उपस्थित थे।

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