“यमुनानगर में 40 करोड़ का सरकारी धान घोटाला उजागर: चंडीगढ़ से पहुंचे डायरेक्टर ने पकड़ी गड़बड़ी, अधिकारी बने रहे मूकदर्शक”
यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर (राकेश भारतीय )
यमुनानगर में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हो चुकी हैं, इसका बड़ा उदाहरण प्रताप नगर स्थित राइस मिल में सामने आया 40 करोड़ रुपये का सरकारी धान घोटाला है। प्रशासन और विभागीय अधिकारियों की शिथिलता का फायदा उठाकर मिल मालिकों ने करोड़ों का खेल कर दिया। जबकि स्थानीय अधिकारी आंखें मूंदे बैठे रहे, चंडीगढ़ स्थित फूड एंड सप्लाई विभाग की विशेष टीम ने मौके पर पहुंचकर पूरा राज खोल दिया।
कैसे हुआ खुलासा?
फूड एंड सप्लाई विभाग के डायरेक्टर स्वयं चंडीगढ़ से यमुनानगर पहुंचे।
साइट का फिजिकल वेरिफिकेशन, वेयरहाउस चेकिंग, और दस्तावेजों की गहन जांच के बाद कई गंभीर विसंगतियां सामने आईं।
एक ही परिसर में चल रही चार राइस मिलों में—
सरकारी धान का गलत हिसाब,
बैगों का कम वज़न,
रिकॉर्ड में हेरफेर,
और स्टॉक की फर्जी एंट्रियां मिलीं।
स्थानीय अधिकारी vs डायरेक्टर टीम
जिस घोटाले को पकड़ने में स्थानीय अधिकारी सालों से असफल (या अनिच्छुक) रहे,
उसे डायरेक्टर की टीम ने कुछ घंटों की कार्रवाई में उजागर कर दिया।
यह सवाल पैदा करता है—
क्या अधिकारी इतने लापरवाह थे…
या
मिलीभगत में शामिल?
FIR दर्ज — कार्रवाई की पहली सीढ़ी
फूड एंड सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर की शिकायत पर प्रताप नगर थाना पुलिस ने राइस मिल संचालक और उनकी पत्नी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है, जिनमें मुख्य आरोप शामिल हैं—
सरकारी अनाज की हेरा-फेरी
दस्तावेजों में धोखाधड़ी
सरकारी धन को नुकसान पहुंचाना
और धोखाधड़ी कर आर्थिक अपराध करना
माना जा रहा है कि जांच आगे बढ़ने पर कई और अधिकारियों की भूमिका भी सामने आ सकती है।













