यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर (राकेश भारतीय) देशभर में 7 मई को मॉक ड्रिल के माध्यम से युद्ध की परिस्थितियों में आम नागरिक को बचाने के उपाय के साथ-साथ ब्लैकआउट के विषय में भी बताया जाएगा। यमुना टाइम्स भी अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए आज आपको इस विषय में विस्तार से बताएगा।
आप सब जानते ही है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम मे हुए आतंकी हमले (Pahalgam Attack) में नेपाली नागरिक समेत 26 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद से भारत और पाकिस्तान (Ind vs Pak) के बीच तनाव चरम पर है। भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने सारे रिश्ते खत्म कर दिए हैं। इसके चलते दोनों देशो के बीच जंग के हालात बन गए हैं और इस बीच पाकिस्तानी सीमा से सटे क्षेत्रों में में ब्लैक आउट की प्रैक्टिस शुरु कर दी गई हैं।
7 मई को देशभर में नौकरी के माध्यम से दो देशों के बीच युद्ध के समय बढ़नी जाने वाली सावधानियां बचाव कार्य व ब्लैक आउट के विषय में बताया जाएगा। अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए यमुना टाइम्स बताना चाहता है कि ब्लैक आउट क्या होता है। हमारे देश के टीनएजर्स व युवा शायद ही जानते हो कि ब्लैकआउट क्या है ? यहां यह भी बता दे कि कुछ दिन पूर्व ही भारत-पाकिस्तान के सीमावर्ती प्रदेशों व क्षेत्र में इसके विषय में बताया गया। पंजाब के फिरोजपुर में भी भारतीय सेना की छावनी में रविवार रात आधे घंटे के लिए पूर्ण ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। इस कंप्लीट ब्लैक आउट एक्सरसाइज को संभावित युद्ध की तैयारी लके तौर पर देखा जा रहा है। यह अभ्यास रात 9 बजे से 9.30 बजे तक चला, जिसमें पूरे क्षेत्र में पूरी तरह से अंधेरा था।
Blackout को सफल बनाने के लिए की गई अपील
फिरोजपुर में ब्लैक आउट के अभ्यास को सफल बनाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से पूर्ण सहयोग की अपील की थी, जिससे यह यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस दौरान उनके घरों के बाहर कोई इन्वर्टर या जनरेटर लाइट दिखाई न दे।
क्या होता है ब्लैकआउट और क्यों है जरूरी?
ब्लैकआउट के बारे में बता दें कि इसका प्रोटोकॉल युद्ध के समय में बेहद प्रभावी और अहम माना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन देश को रिहायशी इलाकों की लोकेशन मिलने से रोकना है। आधुनिक युद्ध में ड्रोन और मिसाइलों की गति बहुत तेज होती है।
ऐसे में रिहायशी इलाकों को बड़ा नुकसान हो सकता है। हालांकि भारत के पास रूस का अमोघ अस्त्र S-400 है, जो पाकिस्तान की किसी भी मिसाइल को सीमा में घुसने से पहले ध्वस्त करने में सक्षम है। फिर भी एहतियात के तौर पर ब्लैक आउट किया गया है।
Blackout अभी भी क्यों माना जाता है प्रभावी?
भले ही आज के वक्त में स्मार्ट मिसाइल और अस्त्र-शस्त्र आ गए है लेकिन फिर भी ब्लैकआउट प्रभावी होता है क्योंकि स्मार्ट बम और विजुअल टारगेटिंग वाले ड्रोन को रोशनी से मदद मिलती है। ब्लैकआउट की स्थिति में पाकिस्तानी ड्रोन या मिसाइल अपना टारगेट मिस कर सकते हैं, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।
युद्ध के माहौल में सरकार कराती है प्रैक्टिस
गौरतलब है कि युद्ध के माहौल के चलते प्रशासन और सरकार देश के लोगों को हर परिस्थिति से निपटने का अभ्यास कराती है। इसके अलावा आजकल युद्ध के दौरान सायरन और मोबाइल एसएमएस से भी लोगों को अलर्ट भेजा जाता है।