जमीन से जाल तक: कब और कैसे बनी यमुनानगर की कॉलोनियां अवैधता का साम्राज्य”

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“जमीन से जाल तक: कब और कैसे बनी यमुनानगर की कॉलोनियां अवैधता का साम्राज्य” भाग 7

यमुना टाइम्स ( इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो)
यमुना नगर  : यमुनानगर जिले के सट्टा रोड, गांधी नगर, रतनपुरा लिंक रोड, तेजली गावं के नजदीक, बुढ़िया रोड, ससोली ,हथिनी कुंड रेंज आदि क्षेत्र के आसपास की जमीनें इन दिनों चर्चा में हैं।
कारण — यहां विकास की रफ्तार नहीं, बल्कि अवैध कॉलोनियों का विस्फोटक विस्तार।
यह विस्तार किसी योजना का हिस्सा नहीं, बल्कि “सिस्टम और सेटिंग” के सहारे चल रहा संगठित खेल है।

 

📍 सट्टा रोड से शुरू होकर गांधी नगर तक पहुंचा नेटवर्क

जांच में सामने आया कि सट्टा रोड क्षेत्र में बीते तीन वर्षों में लगभग 25 से अधिक कॉलोनियां उभर चुकी हैं,
जिनमें से ज्यादातर की कोई वैधानिक मंजूरी नहीं।
फिर भी यहां मकान बिक रहे हैं, सड़कों पर बोर्ड लगे हैं और सरकारी विभाग “अज्ञानता का मुखौटा” लगाए बैठे हैं।

गांधी नगर थाना क्षेत्र, रामपुरा पुलिस चौकी,जगाधरी सिटी और सादर थाना के अंतर्गत आने वाले कुछ इलाके तो अब “प्रॉपर्टी हब” बन चुके हैं —
जहां हर चौक पर एक नया डीलर, हर दीवार पर एक नया विज्ञापन और हर डील में “सेटिंग का एक प्रतिशत हिस्सा” तय रहता है।

रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड बोले — फाइलें आगे नहीं बढ़तीं, लेकिन कॉलोनियां बढ़ रही हैं

यमुना टाइम्स की पड़ताल में सामने आया कि कई रजिस्ट्री फाइलें विभागों में लंबित हैं,
लेकिन उन्हीं जमीनों पर आज मकान और दुकानें खड़ी हो चुकी हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी (नाम न बताने की शर्त पर) ने स्वीकार किया

“कुछ मामलों में हमें निर्देश ऊपर से रोकने के मिलते हैं कि रजिस्ट्रेशन को ‘पेंडिंग’ रखो।
बाद में वही जमीन निजी तौर पर बिक चुकी होती है।”

इस स्वीकारोक्ति ने साफ़ कर दिया कि अवैधता सिर्फ फील्ड पर नहीं,
बल्कि ऑफिस की टेबलों पर भी पल रही है।

👥 जनता और समाजसेवी बोले — “यह प्रशासन की साझेदारी है”

समाजसेवी सन्नी लोहट ने कहा —

> “दलित समाज हो या गरीब तबका, सबको प्लॉट के नाम पर ठगा जा रहा है।
कोई विरोध करे तो पुलिस रिपोर्ट ही दर्ज नहीं करती। यदि रिपोर्ट दर्ज हो जाए तो वह रिपोर्ट फाइलों मैं दब जाती है और धूल चाटने लगती है कोई कार्रवाई नहीं होती
यह चुप्पी नहीं, मिलीभगत है।”

गांधी नगर के निवासी प्रदीप कश्यप ने बताया —

> “हमने शिकायत दी थी कि हमारी गली के पास कॉलोनी बिना मंजूरी के काटी जा रही है,
लेकिन अधिकारी बोले – ‘अभी जांच चल रही है।’
वो जांच आज तक खत्म नहीं हुई, मगर वहां 30 मकान बन चुके हैं।”

⚠️ हथिनी कुंड लिंक क्षेत्र में पर्यावरण पर चोट

हथिनी कुंड बैराज के नजदीक स्थित कुछ गांवों में भी तेजी से निर्माण बढ़ रहा है।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेताया है कि यह निर्माण नदी किनारे की सुरक्षा रेखा का उल्लंघन कर रहा है,
जिससे भविष्य में बाढ़ और मिट्टी धंसने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
फिर भी, संबंधित विभाग “नियमों की समीक्षा” का बहाना बनाकर आंख मूंदे बैठा है।

❗ अब सवाल जनता के नहीं, व्यवस्था के हैं

➡️ आखिर कौन रोक रहा है इन अवैध कॉलोनियों को वैधता की चादर ओढ़ने से?
➡️ किसके इशारे पर फाइलें रोक दी जाती हैं और निर्माण जारी रहता है?
➡️ और कब तक “जांच जारी है” की ढाल के पीछे छिपे रहेंगे अफसर?

हमारी अगली रिपोर्ट :
“कौन हैं असली मास्टरमाइंड — सट्टा रोड सिंडिकेट से लेकर पॉलिटिकल कनेक्शन तक का पर्दाफाश”
“यमुना टाइम्स” की यह पड़ताल जारी है,
क्योंकि सच दबाया जा सकता है — मिटाया नहीं जा सकता।

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