भाग 2
कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता, डील के दम पर चलता खेल!
रियल एस्टेट में मनमानी चरम पर, अफसर भी दबाव में — आमजन की आवाज़ दबा दी जाती है
यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर (राकेश भारतीय) यमुना टाइम्स द्वारा शुरू की गई सीरीज में हरियाणा में नियमों और कायदों को ताक पर रखकर चल रहे जमीन के खेल की रिपोर्ट हमने कल जारी की थी, हम बात करेंगे यमुनानगर जिले की जो कमोबेश सारे प्रदेश में लगभग इसी तर्ज पर हो रहा है।
यमुनानगर जिले में रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी डीलिंग का धंधा इस कदर बेलगाम हो चुका है कि अब यह “कानून से ऊपर” दिखाई देने लगा है। अवैध कॉलोनियों के निर्माण और नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाए जाने के बावजूद जिम्मेदार विभागों की कार्रवाई केवल औपचारिकता बनकर रह गई है।
सूत्रों के मुताबिक, कार्रवाई की फाइलें अक्सर “डील” के दम पर ठंडी कर दी जाती हैं। शिकायत दर्ज होते ही जांच की औपचारिक प्रक्रिया शुरू होती है, लेकिन नतीजा वही — “मामले की जांच जारी है”।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ अधिकारी और दलालों के बीच बनी सांठगांठ ने पूरे सिस्टम को खोखला कर दिया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि प्रॉपर्टी डीलर और रियल एस्टेट कारोबारी अपने गैरकानूनी धंधे से इतने फल-फूल चुके हैं कि आज इनके पास राजनीतिक संरक्षण और आर्थिक ताकत दोनों मौजूद हैं।

स्थिति यह है कि ये लोग अफसरों तक को धमकाने से नहीं चूकते।
आम नागरिक तो इनके विरुद्ध आवाज़ उठाने की हिम्मत भी नहीं कर पाता। यही कारण है कि अधिकारी हर बार वही सफाई देते हैं — “हमें कोई शिकायत नहीं मिली।”
एक जागरूक नागरिक ने बताया,
“यदि कोई हिम्मत करके शिकायत भी करता है, तो मामला तुरंत ‘समझौते की टेबल’ पर पहुंच जाता है। वहां तय होता है कि आगे क्या लिखा जाएगा — और फिर वही पुरानी कहानी, ‘जांच जारी है।’”
कई कॉलोनियां अब भी कृषि भूमि पर काटी जा रही हैं, बिना मंजूरी और बिना बुनियादी सुविधाओं के। लोगों से लाखों रुपये वसूलने के बाद भी सड़क, पानी, सीवरेज और बिजली जैसी बुनियादी ज़रूरतें पूरी नहीं की जा रहीं।
जानकारों का कहना है कि यह खेल अब सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि सिस्टम के साथ किया जा रहा छल है। वैध कारोबारियों को दबाया जा रहा है, जबकि अवैध माफिया राजनीति और प्रशासन दोनों के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं।
प्रशासन का पक्ष:
संबंधित विभाग की ओर से कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है लेकिन अपने नामक बिना कोर्ट करने की शर्त पर संबंधित विभाग के एक अधिकारी ने कहा —
“अवैध कालोनियां कांटे जाने यह गिराए जाने के बाद फिर से निर्माण कार्य शुरू होने के मामले की जांच जारी है और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
हालांकि, ज़मीनी स्तर पर अब तक किसी ठोस कार्रवाई के संकेत नहीं मिले हैं।









