यौन शोषण के आरोप लगने के बाद संदीप सिंह का विरोध

इस खबर को सुनें

गुस्ताखी माफ़ हरियाणा

मंत्री संदीप सिंह -गणतंत्र दिवस समारोह पिहोवा -महिला द्वारा मंच के नजदीक पहुंचना – संदीप का विरोध।
आज पिहोवा में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में अनहोनी घटना हो गई जो टाली जा सकती थी। समारोह की अध्यक्षता ,एथलीट कोच के यौन शोषण के कथित दोषी संदीप सिंह कर रहे थे। वहा ज्योही राष्ट्रीय गान शुरू हुआ एक महिला संदीप सिंह के खिलाफ नारे लगाने लगी।

गुस्ताखी माफ हरियाणा :कलम की ताकत से भ्रष्ट नेताओं और अफसरों की टोपी उडाते हुए लेखक पवन बंसल

इस प्रकरण से उठे सवाल।
——————
खापों के विरोध के बावजूद संदीप सिंह को कार्यक्रम का अध्यक्ष क्यों बनाया गया ?
सुरक्षा प्रबंध में जबरदस्त चूक। यदि महिला कोई बम्ब लेकर वहा पहुंचे तो क्या होता ?
महिला को प्राइवेट आदमी चादर डाल कर पकड़ रहे है। पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस वहा क्यों नहीं थी ?
गब्बर, अनिल विज कहता है में रात दो बजे तक फाइल देखता हूँ। बारह बजे तक दरबार लगाता हूँ। क्या खाक लगाते हो ? नतीजा देख लिया।
संदीप के बचाव में सरकार इतनी बेशर्म क्यों बनी हुई है ?
विरोध करने वाली बहन जी को भी कम से कम राष्ट्रीय गान के समापन का इंतजार करना था।
दुमछल्ला।
मनोहर जी आप दिन प्रतिदिन अलोकप्रिय हो रहे हो। पुलिस के दम पर कब तक काम चलाएंगे। ?आखिर जनता के बीच तो जाना ही पड़ेगा।
आज से चार दशक पहले तत्कालीन गवर्नर तपासे द्वारा बहुमत देवीलाल के पास होने के बावजूद भजन लाल को चीफ मिनसिटर पद की शपथ दिलाने के विरोध में देवीलाल भगत जोगिंदर ने फरीदाबाद में गणतंत्र दिवस समारोह में तपासे का मुँह काला कर दिया था। यह किस्सा मेरी किताब ‘हरियाणा के लालो के सबरंगे किस्से” में है। यदि पुलिस अफसरों ने किताब पढ़ी होती तो अंदाज लग जाता की हरियाणा में ऐसा भी हो जाता है।

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे