अपनी मांगों को लेकर गरजी मिड डे मील वर्कर्स

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सरकारी स्कूल मर्ज करने के बहाने मिड डे मील वर्करो का रोजगार खत्म कर रही है सरकार-शरबती देवी
यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर ( राकेश भारतीय)उपायुक्त कार्यालय के सामने आज मिड डे मील वर्कर अपनी मांगों को लेकर जमकर कर गरजी । अपनी मांगों से संबंधित एक मांग पत्र भी उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ।
शिक्षा विभाग में कार्यरत मिड डे मील परियोजना वर्कर की मांगों व समस्याओं के चलते उपायुक्त कार्यालय के सामने नई अनाज मंडी में मिड डे मील वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटों व सहयोग सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के झंडो व बैनर तले राज्य महासचिव शरबती देवी की अध्यक्षता में धरना प्रदर्शन कर सचिवालय में माननीय प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार को अपनी माँगो का ज्ञापन भी दिया
प्रदर्शन को संबोधित करने पहुंचे सीटू के जिला प्रधान रामकुमार कंबोज ने बताया मिड डे मील योजना जिसे अब पीएम पोषण योजना का नाम दिया जा रहा है, में काम करने वाले 25 लाख के करीब वर्कर्स के हालात बेहद दयनीय हैं। देश के करीब 12 करोड़ बच्चों के लिए 11 लाख स्कूलों में कार्यरत इन वर्कर्स के मानदेय में केन्द्र सरकार ने 2009 के बाद एक रूपये की भी बढ़ौतरी नहीं की है। इतनी बढ़ी हुई महंगाई में इतने कम मानदेय में गुजारा संभव नहीं है। सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के नाम पर गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा से बेदखल करने का काम किया जा रहा है और स्कूल बंद करने या मर्ज करने के नाम पर मिड डे मील वर्करों की नौकरी छीनी जा रही है।
यूनियन ने केंद्र व राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति वापस हो और आगामी केन्द्रीय बजट में मिड डे मील वर्करों के मानदेय में बढ़ौतरी की जाए।इस मौके पर
प्रकाश कौर बिलासपुर ब्लॉक प्रधान,नीलम भट्टी जिला प्रधान,उषा मुस्ताबाद ब्लॉक प्रधान,इसरो बिलासपुर सचिव शिमला छछरौली ब्लॉक प्रधान,विनोद त्यागी व रोशन लाल आदि ने भी भाग लिया
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 मिड डे मील कर्मियों की प्रमुख मांगे
1. मिड डे मील वर्कर्स को न्यूनतम वेतन (24000 रू०) दो वेतन 12 के 12 महीने मिले।
2. नई शिक्षा नीति 2020 रद्ध हो। मिड डे मील योजना ठेके व एनजीओ के हवाले करना बंद करो।
3. किसी भी वर्कर की छंटनी न हो। मर्ज या बंद हुए स्कूलोंम की छंटनीग्रस्त कर्मियों की बहाली हो ।
4. वर्कर्स की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल हो । रिटायरमेंट पर 2 लाख रूपये दिए जाएं।
5. वर्दी भता कम से कम 2000 रूपये वार्षिक दिया जाए।
6. मिड डे मील वर्कर्स से बेगार लेने की प्रथा पर तुरंत रोक लगे। महीने में 2 दिन अवकाश दिया जाए।
7. मिड डे मील वर्करों को चौथे दर्जे का सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए।
8. सरकारी विभागों व सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों को बेचना बंद हो ।
9. मजदूर विरोधी चारों लेबर कोड्स रदद करो।
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