पत्रकारों पर हमला,: भड़के किसान महापंचायत का ऐलान

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लोकतंत्र के चौथे स्थान पर हमला बर्दाश्त नहीं : सुभाष गुर्जर

भारतीय किसान यूनियन आज थाना क्षेत्र में किया महापंचायत के आयोजन का ऐलान

यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर (राकेश भारतीय) भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सुभाष गुर्जर ने आज कड़ी निंदा करते हुए कहा कि खनन जोन में खनन जो पत्रकार कवरेज करने गए उनके साथ मारपीट करके और उनको बंधक बनाकर और एक महिला पत्रकार के साथ अश्लील हरकतें की।


उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने मामला दर्ज किया तो तुरंत गिरफ्तारी की जाए। और इसी को लेकर समाजसेवी और जिला परिषद के पूर्व सदस्य मंडी एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष शिव कुमार संधाला ने लाल छप्पर गांव में एक महापंचायत करने का निर्णय लिया। जिसको लेकर भारतीय किसान यूनियन की पूरी टीम इस महापंचायत में शामिल होगी। और उन्होंने पुलिस अधीक्षक से अपील करते हुए कहा कि लोगों पर तुरंत लगाम कसे जो किसानों की भूमि को भी अवैध खनन से खत्म करना चाहते हैं।और जो देश के चौथे स्तंभ पत्रकारिता के अहम जिम्मेदार लोगो के साथ एसा व्यवहार करना बहुत गलत है। और मुकदमा दर्ज किए गए लोगों को पुलिस जल्दी गिरफ्तार करें।मौके पर विनोद डांगी जिला सचिव, यशपाल कंबोज चमरोडी,अशोक कंबोज प्रधान रादौर, पवन गोयल दामला मौजूद थे।
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जिन चार पत्रकारों पर हुआ हमला उनके विरुद्ध भी मामला दर्ज
जठलाना क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन की कवरेज करने गए यमुनानगर के चार पत्रकारों सर्वजीत बाबा, परवेज , प्रदीप शर्मा और महिला पत्रकार के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था खनन कारोबारी से जुड़े व्यक्तियों द्वारा इन पत्रकारों के विरुद्ध थाना जठलाना में मामला दर्ज करवाया गया है जिसमें आरोप लगाया गया कि पत्रकारों ने अपनी गाड़ी से उनके व्यक्ति को टक्कर मारी तथा रिश्वत की मांग की। थाना जठलाना पुलिस को दी गई शिकायत में पत्रकारों पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने कुछ दिन पहले भी क्षेत्र का दौरा कर उनसे पैसे लिए थे।
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पत्रकारों के विरुद्ध मामला दर्ज होने पर एकजुट हुए पत्रकार एसपी से मिले
खनन माफिया के गुंडों द्वारा चार पत्रकारों पर हुए हमले, उनको बंधक बनाकर अपने ऑफिस में ले जाने , मोबाइल छीनने की घटना के पश्चात खनन कारोबारियों द्वारा यमुनानगर के चार पत्रकारों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया गया है जिससे जिते के तमाम पक्षकारों ने एकजुट होकर एसपी मोहित होंडा से मिलकर मांग की कि दर्ज किया गया मामला तुंरत रह किया जाये क्योंकि यह खनन माफियाके गुंडों को बचाने का प्रयास है पता पत्रकारों पर दर्ज कराया गया मुकदमा झूठा और बेबुनियाद है ।इसके अलावा राणा मामले की जांच एक बड़े अधिकारी से कराई जाये जिस पर एसपी ने कहा कि वह इस मामले की जांच डीएसपी गुलिया से करवाएंगे । खनन क्षेत्र में माफिया के गुंडों की हरकतों के बारे बताए जाने पर उन्होंने कहा कि कानून को हाथ लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी इसके में लिए पुलिस अपना काम करेगी।
बता दें कि पत्रकारों पर हुए हमले के विरोध में जहां पहले ही प्रेस क्लब ऑफ डिस्ट्रिक्ट यमुनानगर ,हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स चारों पत्रकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी थी वही आज इंडियन मीडिया सेंटर इस मामले में कूद पड़ा है आई एम सी के प्रांतीय अध्यक्ष वीरेंद्र त्यागी
अपने दल बल के साथ लघु सचिवालय में पहुंचे यमुना टाइम से बातचीत में उन्होंने कहा कि पत्रकारों पर हमला बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे उन्होंने कहा कि अक्सर अपना बचाव करने के लिए मीडिया के लोगों पर ही पैसे लेने के आरोप लगा दिए जाते हैं जो कि गलत है उन्होंने कहा कि यदि कोई साथी गलत है और अनैतिक कार्यों के लिए पैसे लेता है तो वह उसके विरुद्ध है तथा यदि कोई ऐसी उगाही कर रहा है तो पुलिस का काम है ऐसे लोगों को पकड़े।
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मामले को प्रमुखता से उठाने से गुरेज कर रहा मेंस्ट

मीडिया
लोकतंत्र के चौथे स्थान पर हुए हमले के समाचार को

मेन स्ट्रीम मीडया प्रमुखता से उठाने में गुरेज क्यों कर रहा है यह लोगों के लिए बड़ा सवाल बना हुआ है तथा लोग इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं।
चर्चा है कि खनन माफिया अपने कार्य को बखूबी अंजाम देने के लिए मेनस्ट्रीम मीडिया से जुड़े कुछ बड़े समझे जाने वाले पत्रकारों को एक निश्चित राशि सुविधा शुल्क के रूप में भेज रहा है इसीलिए यह लोग ना तो अपने साथियों पर हुए हमले का विरोध करने के लिए आगे आते हैं और ना ही इस संबंध में अपने समाचार पत्र में प्रमुखता से आवाज उठाते हैं।लोगों में यह भी चर्चा है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री उड़न दस्ते द्वारा खनन कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई लेकिन इस महत्वपूर्ण खबर को भी मेंस्ट्रीम के कई बड़े समाचार पत्रों ने या तो गोल कर दिया या फिर उसे चंद लाइनों में समेट कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। लोगों की मांग है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर कलंक के समान ऐसे पत्रकारों तथा मीडिया के नाम पर उगाही करने वाले चांद पत्रकारों की जांच भी करनी चाहिए।

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे