11 सौ कन्याओं को प्रसाद वितरित कर होगी दुर्गा स्तुति 

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11 सौ कन्याओं को प्रसाद वितरित कर होगी दुर्गा स्तुति

शारीरिक आर्थिक व मानसिक आदि सभी समस्याओं का समाधान यज्ञ

यमुना टाइम्स ब्यूरो

यमुनानगर, 2 अक्टूबर (राकेश भारतीय) यमुनानगर की पेपर मिल ग्राउंड में चल रहे श्री गणेश लक्ष्मी महायज्ञ के सातवें दिन सैकड़ों ब्राह्मणों ने वैदिक परंपराओं के अनुसार महायज्ञ में मंत्र उचरण के साथ आहुतियां डाल समस्त प्राणियों के कल्याण की कामना की। देश प्रदेश से आए हुए श्रद्धालुओं द्वारा महायज्ञ की परिक्रमा कर पुण्य लाभ कमा परिवारिक सुख शांति समृद्धि की मंगल कामना कर प्रसाद ग्रहण किया।

महायज्ञ के पश्चात परम पूज्य स्वामी त्रिंबकेश्वर जी महाराज के श्री मुख से श्रीमद् भागवत कथा का रसपान बहुत ही सजीव ढंग से किया गया। रविवार को श्रीमद भगवत कथा का उच्चारण करते हुए स्वामी जी ने बताया कि श्री मद्भागवत कथा आत्म चिन्तन की कथा है,चिन्तन की परंपरा जितनी पवित्र होगी उतना ही परिणाम सुखद होगा।कलियुग में नाम संकीर्तन की महिमा अद्भत है, हर प्रकार के कष्ट की निवृत्ति प्रभु नाम संकीर्तन व यज्ञ परिक्रमा से हुआ करती है।

शारीरिक आर्थिक मानसिक व्यापारिक समस्या का समाधान यज्ञ से संभव है।वैदिक विद्वानों के द्वारा प्रतिदिन लाखों आहुतियां देश के कल्याण हेतु दी जा रही है।जिसका मात्र उद्देश्य है कि समष्टि का कल्याण हो

कथा में महाराज श्री जी ने रासलीला को जीवात्मा परमात्मा के मिलन का नाम है।जीव के ऊपर पड़ी हुई केचुली को हटाने का कार्य,अज्ञानता को हटाने का कार्य,जीवात्मा के द्वैत को नष्ट करने का काम रास करता है।भौतिक वादी व्यक्ति को उस परमात्मा की ये लीला साधारणतया समझ मे नही आती।कंस के उद्धार का अभिप्राय है हम अपने मन मे बसी हुई वासना को समाप्त करे।

प्राचीन श्री सूर्य कुंड मंदिर के महंत आचार्य डॉक्टर गुण प्रकाश चैतन्य महाराज ने बताया कि सोमवार को अष्टमी के दिन 1100 कन्याओं को भोजन करा उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाएगा इस के पश्चात श्री दुर्गा स्तुति का पाठ होगा। उन्होंने बताया कि अष्टमी के दिन आने वाली संगत एवं संत समाज के लोगों के लिए स्वयं सेवकों की विशेष रूप से ड्यूटी लगाई गई है। आयोजन स्थल पर भोजन चाय जल आदि की व्यवस्था आयोजकों द्वारा की गई है। इसमें आयोजकों द्वारा स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है, स्वच्छ वातावरण में ही देवताओं का वास होता है। इसलिए कोई भी कार्यक्रम का आयोजन हो सर्वप्रथम स्वच्छता अत्यधिक आवश्यक है।

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