बारिश में जागकर काटनी पड़ती थी रातें, अब….

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  1. – बारिश में जागकर काटनी पड़ती थी रातें, अब लेते है चैन की नींद

– पीएमएवाई का लाभ उठाकर कई परिवारों की बदली जिंदगी

– बारिश में टपकती छतों व कच्चे मकानों से मिला छुटकारा

– योजना का लाभ उठाकर परिवारों ने बताई अपनी सफलता की कहानी

 

यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर (राकेश भारतीय)

आर्थिक रूप से कमजोर व गरीब परिवारों के उत्थान के लिए सरकार ने अनेक योजनाएं शुरू की हुई है। कुछ साल पहले जो लोगों की दयनीय हालत के चलते बदहाल जिंदगी जी रहे थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी का लाभ उठाकर इन लोगों की जिंदगी बदली है। सरकार की इस योजनाओं का लाभ उठाकर आज ये परिवार खुशहाल व सुखी जीवन जी रहे हैं। ऐसे ही कुछ परिवारों की सफलता की कहानी, उन्हीं की जुबानी हम आपको बताने जा रहे हैं। कैसे इन लोगों ने सरकार की योजना का लाभ उठाकर अपनी जिंदगी बदली है। योजना का लाभ उठाने के बाद परिवारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मेयर मदन चौहान का आभार जताया है।

बारिश में टपकती थी छत, पीएमएवाई का लाभ लेकर बनाया पक्का मकान –

पृथ्वी नगर निवासी सुमन ने बताया कि उनके मकान की छत कच्ची थी। जरा सी बारिश आने पर छत से पानी टपकने लगता था। परिवार की स्थिति दयनीय होने के कारण वे अपना पक्का मकान नहीं बनवा पाए। साल 2017 में उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनवाने के लिए नगर निगम कार्यालय में आवेदन किया। इसके बाद पक्का मकान बनाने के लिए उन्हें स्वीकृति पत्र दिया गया। योजना के तहत तीन किस्तों में मिले 2.50 लाख के अनुदान से उन्होंने अपने पक्के मकान का निर्माण करवाया। आज वे खुशहाल जीवन जी रहे हैं। इसके लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी है।

बारिश में जागकर काटनी पड़ती थी रातें, अब लेते है चैन की नींद –

जगाधरी के गुलाब नगर निवासी सतीश कुमार का कहना है कि वह मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन पाषण करता है। उसके परिवार में चार सदस्य है और परिवार के हालात भी दयनीय है। उनका मकान कच्चा था। बारिश आने पर छत से पानी टपकता था। घर के सारे बर्तनों को वे छत से टपक रहे पानी के नीचे रख देते थे। कई बार तो पूरी पूरी रात जागकर काटनी पड़ती थी। साल 2017 में उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर निगम कार्यालय में आवेदन किया। पहले निगम द्वारा पक्का मकान बनाने के लिए स्वीकृति पत्र दिया गया। इसके बाद उन्हें तीन किश्तों में ढाई लाख रुपये का अनुदान मिला। जिससे उन्होंने अपना पक्का मकान बनाया। अब कितनी भी अधिक बारिश आ जाए, वे रात को चैन की नींद लेते है। इसके लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार है।

जान जोखिम में डालकर जी रहे थे जिंदगी, अब मिला सुखी जीवन –

तेजली गेट निवासी रतन लाल ने बताया कि उसके परिवार में चार सदस्य है। कुछ साल पहले उसका मकान कच्चा था। वह हलवाई का काम करता है। लेकिन महंगाई के दौर में वह इतना समर्थ नहीं था कि अपना मकान पक्का बना सकूं। कच्चा मकान होने से कई बार छत की कड़ियां टूट कर गिर जाती थी। जिससे वे जान जोखिम में डालकर जीवन यापन करने को मजबूर थे। फिर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई गई प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में पता चला, उन्होंने साल 2017 में नगर निगम कार्यालय में योजना के तहत आवेदन किया। निगम की ओर से उन्हें पक्का मकान बनाने को स्वीकृति पत्र दिया गया। इसके बाद उन्हें तीन किश्तों में ढाई लाख का अनुदान मिला। इस राशि से उन्होंने अपने पक्के मकान का निर्माण कराया। अब उसका परिवार सुखी जीवन जी रहा है।

एक-एक रुपया जोड़कर भी नहीं बना पाया था मकान –

नगर निगम के वार्ड 12 के गांव पांसरा निवासी सुंदर लाल ने बताया कि उनका कच्चा मकान था। बरसाती सीजन में हर बार उन्हें कच्चे मकान के ढहने का भय सताता रहता था। एक-एक रुपया जोड़कर कई बार उन्होंने पक्का मकान बनाने की ठानी, लेकिन मंहगाई के दौर में सब खर्च हो जाता था। जिससे वे अपना पक्का मकान नहीं बना पाया। साल 2017 में उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत निगम कार्यालय में आवेदन किया। जिसके कुछ समय बाद उन्हें स्वीकृति और 2.50 लाख रुपये का अनुदान मिला। जिससे उन्होंने अपना पक्का मकान बनाया। अब वे खुशहाल जीवन जी रहे हैं। इसके लिए वो और उसका परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत बहुत आभारी हैं।

बारिश में हो जाता था राशन खराब, न चैन की नींद थी न आराम –

जगाधरी के गोपाल नगर निवासी श्वेता ने बताया कि उसके पति देवेंद्र कुमार फैक्टरी में मजदूरी करते है। कुछ साल पहले उनका मकान कच्चा था, लेकिन आमदन इतनी नहीं थी कि वे पक्का मकान का निर्माण कर सकें। मकान कच्चे होने के कारण बारिश होने पर घर के अंदर होने पर भी भीगते थे। ऐसा कोई स्थान नहीं होता था, जहां छत से पानी नहीं टपकता था। कई बार तो बारिश में राशन तक खराब हो जाता था। ऐसे हालात होते थे कि वे न तो दिन में आराम कर सकते थे और न ही रात को चैन की नींद ले सकते थे। साल 2017 में उन्होंने पीएमएवाई के तहत पक्का मकान बनाने के लिए निगम कार्यालय में आवेदन किया। जिसके बाद उन्हें ढाई लाख रुपये की राशि मिली। इससे उन्होंने पक्के मकान का निर्माण कराया। अब तक दिन में भी बारिश होने पर चैन की जिंदगी जी रहे हैं।

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