यमुनानगर में परशुराम चौक तोड़े जाने पर भड़का ब्राह्मण समाज

इस खबर को सुनें
यमुनानगर में भगवान परशुराम चौक तोड़े जाने से ब्राह्मण समाज में रोष
ब्राह्मण समाज बोला चौक तोड़ना समाज का अपमान,मेयर पर लगाये आरोप
समाज के लोगो ने की डीसी से भेंट डीसी ने फोन पर दिए करवाई रोकने के आदेश
यमुना टाइम्स ब्युरो
यमुनानगर 19 जुलाई (राकेश भारतीय) एक वर्ष पूर्व बनाए गए आईटीआई रोड पर भगवान परशुराम चौक को तोड़े जाने पर ब्राह्मण समाज भड़क उठा और गुस्साए ब्राह्मण समाज ने जिला प्रशासन के इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। दूसरी और ब्राह्मण समाज के लोग इस विषय में डीसी से मिले और अपना जो सपोर्ट किया जिस पर डीसी ने तुरंत पीडब्ल्यूडी के एक्शन को कार्रवाई रोकने के आदेश दिए लेकिन इसके बावजूद भी जारी रहेगी सिंह का निर्माण एक्शन को अपनी जेब भरने के आदेश दिए।
ब्राह्मण समाज के नेताओं सतपाल कौशिक, रोशनलाल शर्मा, राकेश त्यागी, नरेंद्र त्यागी राजकुमार त्यागी, शैलेश त्यागी, बलजीत ,पारस पराशर,अश्वनी पराशर ,उमेश वत्स आदि नेताओं के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी शौक तोड़े जाने की कड़ी निंदा की है। ब्राह्मण समाज के नेताओं निगम और निगम के मेयर मदन लाल चौहान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि यह कदम जानबूझकर उठाया गया है। ब्राह्मण समाज में ऐलान किया कि जब तक दोबारा यहां चौक का निर्माण नहीं होता वह बीच रास्ते में बैठकर परशुराम चलीसा का जाप करेंगे।
महाकाल ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गुर्जर टापू ने आई टी आई  के पास भगवान परशुराम जी के चौंक को तोडे जाने के मामले में महापौर मदन चौहान की घोर निंदा की है | नितिन गुर्जर ने बताया कि कुछ समय पहले मेयर मदन चौहान, डिप्टी मेयर पिन्नी शर्मा व अन्य ब्राह्मण पार्षदों ने मिलकर भगवान परशुराम जी के चौंक का उद्घाटन किया था व आज खूद उसी चौंक को तुडवा दिया गया है | नितिन गुर्जर ने कहा कि मेयर व अन्य पार्षदों ने सिर्फ ब्राह्मण वोट बैंक को लुभाने व राजनीति चमकाने का जो घटिया कुकृत्य किया है ये बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा ओर ये सिर्फ ब्राह्मण समाज का ही अपमान नहीं बल्कि पूरे हिंदू धर्म का अपमान है | इस पुरे प्रकरण में मेयर के साथ ही भाजपा के वें पार्षद भी शामिल हैं जो कल तक चौंक के लिए जान देने तक की बात करते थे लेकिन आज उनके मूंह से एक शब्द नहीं निकल रहा है | मैं उन सभी पार्षदों से अपील करता हूँ कि अगर वो इस प्रकरण के खिलाफ है तो तुरंत अपना इस्तीफा मेयर को भेजें अन्यथा मेयर के साथ साथ उन पार्षदों के विरोध में भी उतरा जाएगा जिसके जिम्मेदार वो खूद होंगे |मौके पर नितिन गुर्जर, अंकित बोक्सर,मनीष कांबोज, भजन लाल सैनी ईत्यादि रहे |
बॉक्स
भगवान परशुराम चौंक हुआ षडयंत्र का शिकार….
अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण ब्यूरो इस कृत्य की घोर निंदा करता है क्योंकि समाज में किसी भी वर्ग को विश्वास में लिये बिना ही यह कार्यवाही की गई है। ब्यूरों के प्रदेश अध्यक्ष उमेश प्रताप वत्स ने कहा कि प्रशासन ने अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ही चौक पर जेसीबी चलवाई है। श्री वत्स का कहना है कि इस व्यस्ततम रोड़ पर चौक की मांग पिछले लगभग 10 वर्षों से बार-बार उठाई जा रही थी क्योंकि यहां चारों ओर सड़कों का निर्माण बहुत ही बेढंग से हो रखा है। ससौली रोड़ से आने वाले वाहन अक्सर कमानी चौक की ओर से आने वाले वाहनों के सामने खड़े हो जाते थे और लंबा जाम लग जाता था। कई बार तो वाहन पीछे न करने के कारण खुनी संघर्ष भी हो जाता था। ब्यूरों की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक डॉ एस आर राव से भी इस बारे लंबी मिटिंग हुई थी। उन्होंने चौक बनवाने का आश्वासन भी दिया था किंतु तब संबंधित विभाग ने रुची नहीं दिखाई किंतु अब जब चौंक बन गया था तो इसे बिना सोचे समझे तोड़ा जाना अत्यंत निंदनीय है। चौक को तुड़वाने में निकट के दुकानदार एवं सरकार विरोधी लोगों का छुपा एजेंडा था जो कुछ लोगों के कंधे पर बंदूक रखकर पूरा किया गया। यह कहा जाना कि चौंक के कारण एक्सीडेंट हो रहे हैं तो बहुत ही हास्यास्पद है क्योंकि हिन्दुस्तान में कहीं भी चौक के कारण एक्सीडेंट नहीं होते अपितु एक्सीडेंट कम करने के लिए ही चौंक बनाये जाते हैं। वास्तव में समस्या यह आ रही थी कि चौक के बाई और 2-3 दूकान वालों ने अवैध रूप से दुकान को बहुत आगे तक बढ़ा रखा है जिस कारण आने-जाने वाले वाहनों को समस्या होती थी तो प्रशासन ने दुकानों से अवैध कब्जा छुड़वाकर सड़क चौड़ी करने की बजाय चौंक को तोड़ना सही समझा। ऐसी सोच चिंतनीय है। भगवान परशुराम राम सारे समाज के पथप्रदर्शक है और पूजनीय हैं उनके नाम से बने चौंक को तोड़ना धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने का कार्य है। किंतु ब्यूरों का मानना है कि आप बेशक भगवान परशुराम चौंक के स्थान पर ससौली रोड़ पर परशुराम द्वार बनवाकर धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें और चौक का नाम बदलकर आइटीआइ चौंक या भारत-माता चौंक रखवा दे परन्तु चौंक तो वहाँ ट्रैफिक समस्या को दूर करने के लिए अति आवश्यक है बशर्ते चौंक के पास साथ ही सड़क चौड़ी करवाई जाये। अतः जल्दबाजी में उठाये गये कदम की ब्यूरों घोर निंदा करता है और प्रशासन से निवेदन करता है कि सड़क चौड़ी करवाने तथा चौंक निर्माण की अनुशंसा की जाये।
स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे