सीएम से शिकायत:मेयर है भ्रष्टाचारी !

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मेयर की डुयटी नहीं प्रॉपर्टी डीलिंग का पुराना  धंधा कर अवैध कामो को वैध करवा भ्रष्टाचार करवा रहे मेयर : पूर्व भाजपा पार्षद

भाजपा कार्यकर्ता और भाजपा पार्षद के पति  ने मेयर पर लगाए भ्र्ष्टाचार के गंभीर आरोप

परभव से अपने तीन रिश्तेदारों को नौकरी देने के साथ साथ अवैध कालोनियों को बढ़ावा देने के मेयर पर लगगए आरोप

यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर : सत्तारूढ़ नेताओ पर विपक्षी दल समय समय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहते है लेकिन यमुनानगर जगाधरी नगर निगम के मेयर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने वाले भाजपा कार्यकर्ता और पूर्व नगर पार्षद एवं वर्तमान में महिला पारष के पति  ने गंभीर आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग की है । दूसरी और मेयर ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए इन्हे झूठ का पुलिंदा करार दिया है । मेयर का कहना है कि  वह किसी भी जांच के लिए तैयार है ।
नगर निगम के 20  नंबर वार्ड से मौजूदा पार्षद रेखा राणा के पति पूर्व पार्षद नीरज राणा ने सीएम मनोहर लाल व शहरी निकाय मंत्री अनिल विज को भेजी शिकायत में नगर निगम में मेयर मदन चौहान की चल रहे भ्रष्टाचार के धंधे की जांच स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से करवाने की मांग की है। उनका कहना है कि वह भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता है। वार्ड नंबर 19 से वर्ष 2013 से 2018 तक पार्षद रहा है। वर्तमान में उनकी धर्मपत्नी रेखा राणा वार्ड नंबर-20 से पार्षद है। वह शुरू से भाजपा से जुड़े रहे  है। इसी वजह से पार्टी ने उसे दो  बार टिकट दी और दोनों बार उसने जीत हासिल की।
नीरज राणा ने आरोप लगाया  है कि पिछले करीब अढ़ाई साल से नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। इसके लिए सीधे तौर उन्होंने मेयर मदन चौहान को जिम्मेदार ठहराया है। ये आरोप किसी द्वेष की भावना से नहीं बल्कि लोगों में पार्टी की खराब हो रही छवि के कारण बता रहा हूं।  उनकी मांग है कि इसकी विजिलेंस जांच करवाई जाए। नीरज का कहना है कि  मेयर के कारनामो के चलते  सरकार की छवि को नुकसान हो रहा उन्होंने कहा  कि  जो भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाता है उसे परेशान किया जाता है यहां  तक कि आवाज  उठाने वाले पार्षदों के मुंह बंद किए जा रहे हैं। उन्हें भी परेशान करने की कोशिश की जा रही है। मेयर ने अपने कुछ खास चहेतों  को खुली छूट दे रखी है। शिकायत की कॉपी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष, शहरी निकाय मंत्री, शिक्षा मंत्री, शहर विधायक, डीजीपी स्टेट विजिलेंस ब्यूरो, कमिश्नर, नगर निगम, यमुनानगर को भी भेजी गई है।
पूर्व पार्षद नीरज राणा के आरोप हैं कि मेयर मदन चौहान ने अपने परिवार के तीन लोगों को नगर निगम में नौकरी पर लगाया हुआ है। इनमें दो  लड़कियां निगम की विभिन्न शाखाओं में कार्यकर्ता है। एक  रिश्तेदार को जूनियर इंजीनियर के पद पर लगवाया हुआ  है। न चाहते हुए भी अधिकारी दबाव में काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि जांच में सब स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध कॉलोनियों में विकास के जरिए भ्रष्टाचार का विस्तार किया जा रहा है। तेजली गांव के आसपास ऐसी कई कॉलोनियां हैं जोकि अवैध होते हुए भी वहां बिजली, पानी व सीवरेज लाइन की सुविधाएं दी जा रही हैं। चूंकि मेयर शुरू से प्रोपर्टी डीलिंग के कारोबार से जुड़े हैं।  जांच में साफ़ हो जाएगा कि इन कॉलोनियों में महंगें दामों पर कोठियां बनाकर बेचीं जा रही हैं। उन्होने यह आरोप भी लगाया कि मेयर का भाई नगर निगम में ठेकेदार है। भाई के मेयर बनते ही उसने यहां काम शुरू कर दिया था। साथ ही टाइलों की फैक्टरी भी लगा ली। आरोप है कि अब फैक्टरी में बनी टाइलों का इस्तेमाल निगम एरिया में बन रही सड़कों में हो रहा है, नीरज के मुताबिक टाइल की गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के लिए कई सड़कों को तो कुछ महीने के भीतर उखाड़कर फिर उनकी जगह नई टाइलें लगाई जा रही हैं।
नीरज राणा ने सीएम को भेजे पत्र में आरोप लगाए हैं कि मेयर ट्रांसफर की धमकी देकर निगम की इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक , रेंट समेत दूसरी ब्रांचों के अधिकारियों पर बेवजह दबाव बना रहा है, सुविधा शुल्क का भी आरोप है। यही स्थिति ठेकेदारों के लिए भी है। उनका भाई हर ठेकेदार से मनमानी कर रहा है। अगर कोई उनकी बात मानने से मना करता है तो या तो उसके बिल  रुकवा दिए जाते हैं या फिर सैंपल फेल करवाने का डर दिखाया जाता है। इसी वजह से ठेकेदार न चाहते हुए भी शुल्क देने के लिए बाध्य हो रहे हैं।
नीरज के आरोप हैं कि पिछले अढ़ाई साल में मेयर मदन चौहान के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के तमाम नए रिकॉर्ड तोड़ दिए गए। निगम की जमीनों पर भू माफिया का कब्जा है। निर्माण की आड़ में भ्रष्टाचार से इंकार नहीं किया जा सकता है। थोड़े समय में ही मेयर आकुत संपत्ति का मालिक बन गया है। अगर सरकार आय से अधिक संपत्ति जुटाने के आरोपों को लेकर इनके खिलाफ स्टेट विजिलेंस ब्यूरो से जांच करवाए तो पूरा सच सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा  कि मेयर के कार्यकाल में निगम एरिया में धड़ल्ले से गैरकानूनी तरीके से व्यवसायिक व रिहायशी भवनों का निर्माण हो रहा है। आरोप है कि मेयर की शह के बिना कैसे कई मॉल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके लिए न तो कोई नक्शा पास करवाया जा रहा है न ही निगम को कोई टैक्स दिया जा रहा है जिसके चलते निगम के राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है।
वर्जन मेयर मदन चौहान ने पूर्व पार्षद नीरज राणा के आरोपो को झूठ का पुलिंदा करार दिया है । उनका कहना है कि उनके मेयर बनने से पहले शहर की अधिकतर कॉलोनियों की सड़कों व गलियों की हालत खस्ता थी। पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं था। उनके मेयर बनने के बाद हर वार्ड की हर गली में निष्पक्ष रूप से कार्य किए गए। करोड़ों रुपये खर्च कर हर कॉलोनी में पक्की गलियों, नालियों का निर्माण किया जा रहा है। सीवरेज व सीवर लाइन डाली जा रही है। शहर की 69 कॉलोनियों को अप्रुवड़ करवाकर उनमें भी करोड़ों के विकास कार्य करवाएं जा रहे है। कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। एक व्यक्ति विशेष उन पर झूठे आरोप लगा रहा है। वे हर तरह की जांच के लिए तैयार है  जहां तक निगम में नौकरियों की बात है, योग्यता के आधार पर युवाओं को नौकरी दी जा रही है।

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