निगम की प्रॉपर्टी पर 20 साल से काबिज 604 लोगों को मालिकाना हक देगा निगम

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निगम मेयर क धन्यवाद करते मीराबाई बाजार एसोसिएशन के सदस्य

– प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाने में 20 से 50 फीसदी मिलेगी छूट

– शहर के व्यापारियों व दुकानदारों में खुशी का माहौल, मेयर ने मुख्यमंत्री का जताया आभार

यमुना टाईम्स ब्यूरो ( राकेश भारतीय )
यमुनानगर : हरियाणा सरकार ने शहरी निकायों की संपत्ति पर 20 साल व इससे अधिक समय से काबिज लोगों को मालिकाना हक देने का अहम फैसला किया है। सरकार की इस पॉलिसी के तहत टिवनसिटी के 604 लोगों को उनकी दुकानों व अन्य संपतियों पर मालिकाना हक मिलेगा। इन लोगों को दुकान व अन्य संपत्ति की रजिस्ट्री अपने नाम कराने के लिए कलेक्टर रेट में 20 से 50 फीसदी तक की छूट प्रदान की जाएगी। सरकार द्वारा यह पॉलिसी लागू करने पर नगर निगम मेयर मदन चौहान ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताया है। वहीं, शहर के व्यापारियों व दुकानदारों में खुशी का माहौल है। शहर की मीरा बाई बाजार एसोसिएशन के पद‌ाधिकारियों समेत अन्य बाजारों के व्यापारियों व दुकानदारों ने यह पॉलिसी लागू करवाने पर मेयर मदन चौहान का धन्यवाद किया है।

मेयर मदन चौहान ने बताया कि नगर निगम की दुकानों व मकानों पर लीज पर रहने वाले उन तमाम लोगों को मालिकाना हक मिलेगा, जो कम से कम 20 साल से इस प्रॉपर्टी पर काबिज हैं। 31 दिसंबर 2020 को 20 साल पूरे होने की अवधि मानी जाएगी। यानी उनकी लीज एक जनवरी 2000 से पहले की होनी चाहिए। जो व्यक्ति 50 साल से ऐसी प्रॉपर्टी पर काबिज है, उसे रजिस्ट्री कराते समय कलेक्टर रेट पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 40 साल से काबिज व्यक्ति को 40 फीसद, 30 साल से काबिज लोगों को 30 फीसद और 20 साल से काबिज व्यक्तियों को 20 फीसद छूट कलेक्टर रेट में मिलेगी। यदि कोई व्यक्ति 100 साल से काबिज है, उसे भी अधिकतम 50 फीसद की छूट मिलेगी। यानी वह प्रॉपर्टी मुफ्त में अपने नाम कराने का दावा नहीं कर सकता। सरकार के इस फैसले से नगर निगम क्षेत्र के 604 लोगों को फायदा मिलेगा।

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दो माह के भीतर लाभ देने के लिए रूपरेखा तैयारः

मेयर चौहान ने कहा कि दो माह के भीतर योजना का लाभ सभी को प्रदान करने की रूपरेखा तैयार की गई है। आवेदन करने के बाद 15 दिन के भीतर संबंधित प्रॉपर्टी का 25 प्रतिशत पैसा जमा कराना होगा। अगले 45 दिन के भीतर 75 फीसदी पैसा जमा कराना पड़ेगा। पूरा पैसा आ जाने पर संबंधित दुकान या मकान कब्जा धारक के नाम कर दी जाएगी। अगर एक प्रॉपर्टी के कई फ्लोर हैं और उस पर दो से तीन लोग कब्जाधारी हैं तो उनकी सबकी अलग-अलग रजिस्ट्री होगी और अलग-अलग पैसे लिए जाएंगें।

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ऐसे करना होगा आवेदनः

प्रॉपर्टी अपने नाम करवाने के लिए लाभपात्र को कॉमन वैब पॉर्टल व नगर निगम में प्रार्थना पत्र देना होगा। इसके साथ योग्यता संबंधित दस्तावेज, साइट प्लान, तल अनुसार निर्मित भवन प्लान स्वयं सत्यापित करके आवेदन के साथ देना होगा। आवेदन के साथ अधिकार को प्रमाणित करने के लिए निगम द्वारा जारी आबंटन पत्र, संपत्ति स्थानांतरण पत्र, वास्तविक आबंटी या उप किरायेदारी का समझौता पत्र, संबंधित संपत्ति को प्रमाणित करने वाला निगम का रिकार्ड, किराये की रसीद, बिजली या पानी कनेक्शन की प्रतिलिपि, संबंधित संपत्ति का सेल टैक्स, वेट, जीएसटी में से एक का संबंधित रजिस्ट्रेशन नंबर, आयकर रिर्टन या फायर एनओसी की प्रतिलिपि में से एक लगाना होगा। इसके बाद निगम अधिकारी इसकी जांच करेंगे। निर्धारित फीस जमा करवाने के बाद व्यक्ति को योजना का लाभ दिया जाएगा।

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मेयर चौहान ने की थी मुख्यमंत्री से सिफारिशः

बता दें कि कुछ माह मेयर मदन चौहान प्रदेश के अन्य नगर निगमों के मेयर के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिले थे। मेयर चौहान ने मुख्यमंत्री के समक्ष 20 साल से लीज व किराये पर दी गई संपत्ति पर कब्जाधारक का मालिकाना हक देने के संबंध में बातचीत की। जिस पर सभी निगमों के मेयर ने भी सहमति जताई थी। तब मुख्यमंत्री ने इस सुझाव को स्वीकार करते हुए यह पॉलिसी लागू करने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री ने अब इस पॉलिसी को प्रदेश में लागू किया है। पूरे प्रदेश में 4087 लोगों को इस पॉलिसी को फायदा मिलेगा।

 

 

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