अम्बाला :- कोरोना नियमों के पालन व कोरोना अनुकूल व्यवहार का अनुसरण करते हुए स्कूल खोलने की मांग करते हुए इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने सरकार से मांग की कि एक निश्चित व्यवस्था लागू करके सरकार को स्कूल खोल देने चाहिए। उन्होंने कहाकि यह व्यवस्था का फेलियर व विडम्बना ही है कि बच्चे कहीं भी जा सकते हैं पर स्कूल नही। पिछले 2 वर्ष से बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है और फिर यदि “पढ़ेगा इंडिया तभी आगे बढ़ेगा इंडिया”। बिना पढ़ाई के कैसे बच्चों का दिमाग विकसित होगा और कैसे उन्हें नोकरी मिलेगी यह विचारणीय प्रश्न है। कोरोनकाल में भी निजी स्कूलों ने पूरी फीस तो अभिभावकों से वसूली ही है, वार्षिकचार्ज भी वसूले है ऐसे में कोरोना अनुकूल व्यवहार अपनाते हुए भले ही 2 या तीन शिफ्टों में खुलें, स्कूल खुलने चाहिए। वैसे भी कोरोना वायरस इतनी जल्दी जाने वाला नही लगता इसलिए हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी है और काफी हद तक हम यह आदत डाल भी चुके हैं और मास्क, दो गज की दूरी, सैनिटाइजर व कोरोना अनुकूल व्यवहार को जीवन का हिस्सा बना चुके हैं। ऐसे में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न हो इसके लिए नियमानुसार स्कूल खुलने जरूरी है। रैलियां हो रही है, बड़े स्तर पर जयंती मनाई जा रही है और सरकार के सभी कार्य सम्पन्न हो रहे हैं तो फिर स्कूल क्यों बन्द है और हम कब तक बन्द करेंगें। व्यपारियो के व्यपार का समय भी रात 9 बजे कर देना चाहिए ताकि आर्थिक विकास भी प्रभावित न हो। हमे अब कोरोना से डरना नही बल्कि उसके साथ जीने की आदत डाल कर उस पर जीत प्राप्त करनी है।