डंके की चोट पर रिश्वत के पैसे लेकर होने लगी रजिस्ट्रियां

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डंके की चोट पर रिश्वत के पैसे लेकर होने लगी रजिस्ट्रियां

मॉडल टाउन स्थित एक प्लाट की ₹50000 लेकर रजिस्ट्री करने के लगे आरोप

यमुना टाइम्स ब्यूरो

यमुनानगर (राकेश भारतीय) वह कहते हैं ना कि घर वाले घर नहीं हमें किसी का डर नहीं बिना तहसीलदार के चल रही तहसील में शायद इन दिनों कुछ ऐसा ही हो रहा है आरोप है की रजिस्ट्री क्लर्क ने 50000 लेकर मॉडल टाउन स्थित एक ऐसी भूमि की रजिस्ट्री कर दी जिसकी आईडी किसी और की दिखाई गई थी। शिकायत सामने आने के पश्चात तहसील ऑफिस में हड़कंप मचा हुआ है । माना जा रहा है कि शायद इस रजिस्ट्री को रद्द कर दिया जाए क्योंकि मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आ चुका है।


यमुनानगर की जगाधरी तहसील भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है तथा यहां आम आदमी ही नहीं बल्कि बुद्धिजीवी वर्ग और वकील तक आरोप लगाने लगे हैं कि यहां रिश्वत के बिना किसी का काम नहीं होता। यमुना टाइम्स ने सरकारी दस्तावेजों के गायब होने की खबर प्रकाशित की जिसे प्रशासन में बैठे जिम्मेदार , ईमानदार अधिकारियों ने तीखी नजरे दिखाई तो तुरंत डॉक्यूमेंट निकल आए

 

 

 

 

 

 

अब कहां से निकले कैसे निकले यह तो ईश्वर जानता है या अधिकारी फिलहाल ताजा मामला गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर मॉडल टाउन में एक रजिस्ट्री करवाने का है। आरोप है कि रजिस्ट्री क्लर्क को ₹50000 की राश बतौर रिश्वत देकर यह फर्जी रजिस्ट्री करवा दी गई हालांकि जिससे पैसे लिए गए वह अभी कैमरे के सामने आने से इनकार कर रहा है। फिलहाल यह मामला उच्च अधिकारियों की जानकारी में भी डाला गया है। समाजसेवी एवं वकील पंकज छाबड़ा ने लिखित में शिकायत देकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करवाने का आरोप भी लगाया है।

फर्जी कागजातो के सहारे की गई रजिस्ट्री की शिकायत की प्रति

 

इस संबंध में जब यमुना टाइम्स द्वारा रजिस्ट्री क्लर्क सर्वजीत से उसके फोन नंबर 9729****14 पर उसका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो वह नो रिप्लाई था जबकि नायब तहसीलदार अभिनव से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया लेकिन मौखिक तौर पर माना कि उन्हें इस संदर्भ में एडवोकेट पंकज छाबड़ा की शिकायत प्राप्त हुई है तथा वह इसकी जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल पटवारी से कागजों की तस्दीक करवाई जा रही है तथा शिकायत सही पाए जाने पर रजिस्ट्री रद्द कर दी जाएगी लेकिन जब उनसे पूछा गया कि इसके लिए ₹50000 की राशि बातौर रिश्वत लेने के आरोप रजिस्ट्री क्लर्क पर लग रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मेरे पास ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है।नायब तहसीलदार अभिनव ने कहा कि उनके पास एडवोकेट दीपक की शिकायत आई है जिसमें उन्होंने केवल फर्जी कागजों के आधार पर रजिस्ट्री होने की बात कही है जिसकी हम जांच कर रहे हैं। फिलहाल अब जिस रजिस्ट्री को रद्द करने की बात नायब तहसीलदार कर रहे हैं उसे लेकर सवाल यह उठता है कि यदि शिकायत सामने ना आती तो रजिस्ट्री तो हो ही चुकी थी क्या रिश्वत लेकर अपने पदों का दुरुपयोग करने वाले कर्मचारियों पर नकेल कसी जाएगी या यूं ही ऐसे कर्मचारी व अधिकारी सरकार की बदनामी करते रहेंगे।

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