खनन कारोबारी लगा रहे थे करोड़ों का चुना लगेगी मनमर्जी पर रोक

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खनन कारोबारी लगा रहे थे करोड़ों का चूना लेकिन अब तहसील में दर्ज होगा …

यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर ( राकेश भारतीय)आसमान में भी सुराख हो सकता है एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो की कहावत को चरितार्थ किया है एंटी करप्शन सोसाइटी हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष वरयाम सिंह ने दरअसल खनन के नाम पर प्रदेश सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे खनन कारोबारियों ने आज तक मनमर्जी की जिसके चलते प्रदेश सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगा लेकिन अब वह ऐसा नहीं कर पाएंगे।
जठलाना एव गुमथला क्षेत्र में यमुना नदी में खनन कर रही खनन एजेंसीयो ने एव खनन से जुड़े लोगों ने इतने वर्ष बीत जाने पर भी हरियाणा सरकार के नियमों के अनुसार कोई भी पट्ट वसीका रजिस्टर नही करवाया ओर न ही राजस्व की अदायगी की गई तहसील रादौर से उच्च अधिकारियों को पत्र जारी हो गया है

*ये चूक थी या साजिश*
बहरहाल हरियाणा सरकार को राजस्व का बहुत बड़ा नुकसान जरूर हुआ है….. देखना होगा अब कैसे पहले हुए राजस्व के नुक्सान की भरपाई होगी और आगामी राजस्व को लेकर होगा प्रति खनन के किला नम्बर का पट्टा वसीका तहसील में दर्ज…….

*जिले की अन्य तहसीलों को भी करना होगा*…..सख्ती से लागू ताकि हरियाणा सरकार को राजस्व का नुकसान न हो

क्यो करवाना है अनिवार्य क्या है इसके लाभ…..
पट्टा वसीका रजिस्टर करवाना अनिवार्य है ये तो नियम जिसको तहसीलदार रादौर भी मानते है ओर इस से हरियाणा सरकार को राजस्व भी जाता है जो यहाँ नही गया और न ही हुआ नियम अनुसार पट्टा वसीका रजिस्टर और जो किला नम्बर खनन में है उन से बहार खनन न हो और कोई खनन एजेंसी निर्धारित एरिया से बहार खनन न करे इसके लिए लोकल तहसील में पट्टा वसीका रजिस्टर करना जरूरी भी है क्योंकि जो किला खनन में नही उसका वसीका रजिस्टर नही हो सकता और न ही खनन हो सकती……इससे खनन के निर्धारित एरिया से बहार होने वाली अवैध खनन पर भी रोक लगेती….. लेकिन ऐसा नही हुआ
राजस्व को भी नुकसान हुआ और क्षेत्र के लोगो की माने तो निर्धारित एरिया से बहार होती रही खनन ….

ये जरूरी था…..
वही हरियाणा एंटी करप्शन सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष एव अवैध खनन के खिलाफ जनहित याचिकाकर्ता अधिवक्ता वरयाम सिंह ने बताया कि सन 2016 में जठलाना एव गुमथला क्षेत्र में खनन सुरु हुआ हम पहले दिन से बता रहे थे कि खनन निर्धारित एरिया से बहार हो रही है नदी तटबंधों को तोड़कर हो रही है जो किले/भूमि खनन एरिया में नही है उसमे खनन हो रही है एक विभाग दूसरे के पास भेजता रहा और नियमों के विपरीत जाकर निर्धारित एरिया से बहार रूप से अवैध खनन होती रही…..2018 में तहसीलदार रादौर को पूछा गया कि क्या पट्टा वसीका खनन के लिए अनिवार्य है और कितनो ने करवाया अब तक पत्राचार में जबाब मिला यमुना नदी में खनन कर रही खनन एजेंसी को खनन की भूमि का पट्टा वसीका नियम अनुसार करवाना अनिवार्य है और आज तक कोई पट्टा वसीका दर्ज नही है

 

जमुना टाइम्स ने इस संबंध में जब एंटी करप्शन सोसाइटी के अध्यक्ष एडवोकेट वरयाम सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि हम प्रयास करते रहे के हरियाणा सरकार के राजस्व के नुकसान को रोका जाए सन 2022 में फिर तहसीलदार रादौर को पत्र लिखा ओर पूछा कि अब कितनी खनन एजेंसीयो ने जो यमुना नदी के अंदर खनन कर रही है हरियाणा सरकार के नियमों के अनुसार पट्ट वसीका दर्ज करवाया या नही पत्र मिला किसी यमुना नदी में खनन करने वाली खनन एजेंसी ने आज तक कोई पट्टा वसीका दर्ज नही करवाया…..तो खनन कहा हो रहा है ये किस ने बताया और कैसे निर्धारित एरिया से बहार खनन होता रहा अब 2023 में हरियाणा एंटी करप्शन सोसायटी ने तहसीलदार को नियम और सबूतों के साथ शिक़ायत भेजी तो लगभग 7साल बाद विभाग ने नही मान लिया कि हरियाणा सरकार के राजस्व को नुकसान बिना पट्ट वसीका दर्ज हुई खनन से हुआ

जिम्मेदार कौन……
जब 2016 से यमुना नदी में खनन हो रही है तो हरियाणा सरकार के राजस्व पट्टा वसीका की अदायगी क्यो नही की गई और समक्ष विभाग के अधिकारियों ने भी उच्च अधिकारियों को पत्र लिखने में 7 साल क्यो लगा दिए कहि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से तो नही भागते रहे और यहाँ तो शिकायत कर्ता भी नियमित पर्यास कर्ता रहा ये भी नही कह सकते के मामले संज्ञान में नही…..

*ना लिया राजस्व ओर एरिया से बहार होती रही खनन….*

जनहित याचिकाकर्ता वरयाम सिंह ने बताया कि वीडियोग्राफी में किला नम्बर की निशानदेही करवाओ खनन एजेंसीया अपने निर्धारित खनन एरिया से बहार जाकर कृषि योग्य भूमि और तटबन्धों में खनन कर रही हैं और कर भी चुकि है हरियाणा सरकार के राजस्व की अदायगी अपने नियम अनुसार तहसील लोकल में की नही पट्टा वसीका दर्ज नही आप किस की भूमि और कहा खनन कर रहे है आपको बताया किस ने अधिकतर खनन निर्धारित एरिया से बहार हुई आप वीडियोग्राफी में जांच करो मैं सबूत दूंगा…..अब तहसील ने भी पत्र जारी किया है के हरियाणा सरकार के राजस्व का नुकसान हुआ है पिछले लगभग7 सालो में यमुना नदी के अंदर कहा कैसे खनन हुई अब ओर बताने की जरूरत नही*

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मांग

  1. हरियाणा एंटी करप्शन सोसायटी प्रदेशाध्यक्ष अधिवक्ता वरयाम सिंह ने हरियाणा एव केंद्र सरकार से मांग की है कि जिला यमुनानगर में हुई अवैध खनन ओर नियम तोड़कर खनन की अगर सीबीआई जांच करवाई जाए तो बड़े अधिकारी और बड़े नकाब पोश भी सामने आ जाएंगे और प्रदेश के राजस्व की चोरी का भी बड़ा खुलासा होगा जिला एवं प्रदेश स्तर की टीमें दबाव में निष्पक्ष कार्यवाही नही कर सकती।

 

 

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