केंद्र फर्टिलाइजर की टीम ने हरियाणा और चंडीगढ़ की टीम के साथ की छापेमारी

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यमुनानगर में कई यूरिया खाद के गोदामों पर केंद्र व प्रदेश सरकार की टीमों की रेड

यमुनानगर के करेड़ा गांव में टीम ने किया गोदाम सील

टेक्निकल ग्रेड यूरिया की जगह सब्सिडी का किसानों का यूरिया इस्तेमाल होने के आरोप

यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर (राकेश भारतीय) हरियाणा के यमुनानगर में जहां प्लाईवुड का गढ़ है वही इन प्लाईवुड फैक्ट्री में टेक्निकल ग्रेड यूरिया की जगह किसानों का सब्सिडी का यूरिया प्रयोग होने के आरोप लगते रहे हैं। क्योंकि दोनों के मूल्य में 4000 से अधिक का प्रति बैग का अंतर है, इसलिए इस तरह के आरोप सामने आए हैं। इसी को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न टीमों ने यमुनानगर में 4 स्थानों पर एक साथ रेड की। डायरेक्टर क्वालिटी कंट्रोल के ज्वाइंट डायरेक्टर डाक्टर मनजीत नयन ने बताया की पिछले काफी समय से केंद्र व प्रदेश सरकार की टीमें छापेमारी कर रही हैं। क्योंकि किसानों के सब्सिडी यूरिया व टेक्निकल ग्रेड में काफी अंतर है इसलिए प्लाईवुड फैक्ट्री मालिक लालच में आकर किसानों के सब्सिडी यूरिया का प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी भी सूचनाएं है कि कहीं टेक्निकल ग्रेड यूरिया के बैग में सब्सिडी यूरिया भरा जाता है। उसी को लेकर छापेमारी की जा रही है। करेड़ा खुर्द में भी छापेमारी की गई। लेकिन मौके पर सेंटर मालिक नहीं मिला। जिसका फोन बंद है। गांव के सरपंच को बुलाया गया, थाना प्रभारी को बनाया गया और गोदाम सील किया गया है।
महीने पहले भी केंद्र व प्रदेश सरकार की टीमों ने यहां के कई इलाकों में छापेमारी की थी। इस दौरान कई सैंपल भी लिए गए थे। जिसके बाद 6 सैंपल फेल पाए गए। जिससे स्पष्ट हुआ कि टेक्निकल ग्रेड यूरिया में किसानों के सब्सिडी वाले यूरिया के अंश मौजूद है। इसके बाद 6 प्लाइवुड फैक्ट्री मालिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। चंडीगढ़ से आए क्वालिटी कंट्रोल के ज्वाइंट डायरेक्टर मनजीत सिंह ने कहा कि वह यहां जांच के लिए आए थे लेकिन यहां गोदाम पर ताला लगा मिला है और गोदाम संचालक फोन भी नहीं उठा रहा और अब तो उसका फोन भी बंद है इसलिए गोदाम को सील कर दिया गया है।

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