हिंदुत्व पुरोधा अमर शहीद लाला लाजपत राय जी का अछूतोद्धार आंदोलन : रीना सिंगला राष्ट्रीय महिला परिषद

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अम्बाला :- रीना सिंगला राष्ट्रीय महिला परिषद अम्बाला अध्यक्षा अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद आज हिन्दू धर्म जागरण के पुरोधा लालाजी को नमन करते हुए कहा कि पंजाब केसरी लाला लाजपतराय का स्वास्थ्य खराब था और चिकित्सकों के परामर्श से वे सोलन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे और वहां से ही स्वराज दल का कार्य भी देख रहे थे। वही उन्हें एकाएक सूचना मिली कि आगाखां के द्वारा आर्थिक सहायता के बल पर कई अछूतों को इस्लाम धर्म के प्रचारक मुसलमान बनाते जा रहे है और यह अभियान बड़ी तीव्र गति से पंजाब ही नही पूरे भारत मे यह कार्य हो रहा है। इस सूचना से लालाजी विचलित हो कर विचार करने लगे कि क्या इस संसार मे हिंदुस्तान नाम का कोई देश नही रहेगा ? क्या हिन्दू जाती का सदा सदा के लिए विनाश हो जाएगा? क्या अंग्रेजों की यह कूटनीति स्वाधीनता आंदोलन के मार्ग में बाघक सिध्द न होगी? वे भगवान से प्रार्थना करने लगे कि कोई युक्ति बताओ ताकि स्वाधीनता धर्म की प्रतिष्ठा बचाई जा सके, किसी तरह साम्प्रदायिकता के इस विषैले नाग का विध्वंस हो सके। उन्हें प्रेरणा मिली और लालाजी ने अछूतोद्धार आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। देखते ही देखते विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में इस समस्या के सम्बंधित उनके लेख छपने लगे, जगह जगह सार्वजनिक सभा के आयोजन वे करने लगे। इस अछूतोद्धार आंदोलन में अनेकानेक लोग उनके आव्हान पर जुड़ने लगे। एक दिन कोलकाता के एक सेठ श्री जुगलकिशोर बिड़ला ने लालाजी को पत्र भेजा जिसमे उन्होंने लिखा था कि आप पैसों की चिंता न करे। आप जिस काम को आगे बढ़ा रहे है वह कार्य आपका नही, सम्पूर्ण मानव जाती का काम है, ईश्वर का कार्य है। उन्होंने इस आंदोलन के लिए पाँच हजार रुपये प्रति माह देने का निश्चय किया और लालाजी के परलोक गमन के बाद भी देते रहे थे। लाला लाजपतराय जी के नेतृत्व में अखिल भारतीय अछूतोद्धार समिति की स्थापना हुई और उसका मुख्यालय दिल्ली के सब्जीबाग में खोला गया। हजारों दलितों की घरवापसी हुवी थी। शाहदरा (लाहौर) के पास रावी नदी के पास दलितों के लिये रहने के लिए एक बस्ती बनाई। धीरे धीरे अछूतों के लिए छोटे छोटे गृह उद्योग और#व्यापार करने में सहायता देकर उनकी सामाजिक तथा आर्थिक दशा में सुधार भी लाया गया। इस अछूतोद्धार आंदोलन की सफलता देखते हुए महात्मा धी के नेतृत्व में कॉंग्रेस ने भी घोषणा की, हमारे रचनात्मक कार्यक्रम में एक अछूतोद्धार भी शामिल कर कालक्रमानुसार देश के कोने कोने में “हरिजन सेवक संघ”की स्थापना की थी। जिसके प्रथम अध्यक्ष अग्रवंशी श्री जमनालाल बजाज बने। पंजाब केसरी लाला लाजपतराय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता ही नही थे अपितु हिन्दू धर्म जागरण के पुरोधा भी थे। लालाजी को नमन। वंदेमातरम। भारत माता की जय। जयहिंद।

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