Dolo पर FIR दर्ज नहीं

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Dolo पर FIR दर्ज नहीं हुई है’, डॉक्टरों पर 1000 करोड़ खर्च करने के आरोप पर कंपनी के VP ने दी सफाई

Dolo 650 bribery Case: कोरोना महामारी के दौरान डोलो (Dolo) की बिक्री में बंपर तेजी देखने को मिली थी. डॉक्टर हर किसी को डोलो-650 दवा लिख रहे थे और लोग बड़े पैमाने पर इसका सेवन कर रहे थे. फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कंपनी पर आरोप लगाया है कि उसने डॉक्टरों को घूस दी थी ताकि वे मरीजों को डोलो दवा खाने की सलाह

यमुना टाइम्स ब्यूरो

नई दिल्ली,
20 अगस्त

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने के बाद डोलो-650 (Dolo 650) की निर्माता कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट मार्केटिंग एंड कम्यूनिकेशन जयराज गोविंदराजू ने मामले में सफाई दी है. उन्होंने बताया कि कंपनी पर लगे आरोपों के संबंध में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

उन्होंने कहा कि अगर हमसे कोई स्पष्टीकरण देने के लिए कहा जाता है, तो हम डेटा देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने दावा किया कि याचिका में लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. उन्होंने दावा किया कि डोलो 650 की कीमत में भी दूसरी सभी पेरासिटामॉल की तरह कम हैं।

उन्होंने बताया कि हमने कोविड काल के दौरान डोलो 650 पर 1000 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए हैं, क्योंकि कोई भी कंपनी उस ब्रांड पर इतनी राशि खर्च नहीं कर सकती है जिसने पिछले साल करीब 350 करोड़ की बिक्री की हो। उन्होंने बताया कि याचिका में जिस खर्च की बात की जा रही है, वह कंपनी ने पिछले कई वर्षों में मार्केटिंग पर खर्च किए हैं।

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