नियंत्रित छेत्र की धारा 7A(III) का हवाला देकर अम्बाला छावनी की जनता को तंग करने वाले अधिकारियों को सबक सिखाने के लिए अम्बाला छावनी के प्रॉपर्टी कारोबारी व आम जनता मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर के अम्बाला छावनी दौरे दौरान उनसे मिलने के लिए अम्बाला छावनी तहसील में एकत्रित हुए। इस अवसर पर ओंकार सिंह ने बताया कि जनता की परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री से मिलकर समस्या से अवगत कराने का प्रोग्राम बनाया था लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा तहसील के मुख्य गेट की ताला लगाकर मुख्यमंत्री से मिलने से रोका गया जोकि ग़ैरसविधानिक है। प्रदेश का प्रत्येक नागरिक अपनी समस्या के लिए मुख्यमंत्री से मिल सकता है क्योंकि लोकतंत्र है राजतन्त्र नही। बहुत ही अजीब बात है कि अम्बाला छावनी हल्के की जनता त्रस्त है और गृहमंत्री अपनी मीटिंगे करने में मस्त है। जिस धारा का हवाला दे कर रजिस्ट्री रोकी जा रही है वो धारा नियमित कॉलोनी पर लागू ही नही होती। उपस्थित भारी जनसमूह के कारण मामले को बिगड़ता देख ऐसएचओ अम्बाला छावनी के प्रयासों से डीटीपी द्वारा दो दिन में समस्या हल करने का लिखित आश्वासन देने पर प्रॉपर्टी डीलर माने। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी एसडीएम अम्बाला छावनी को दिया गया ताकि समस्या का स्थायी हल हो सके। इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रधान महिंदर सेठी, चेयरमैन अशोक गोयल, सुनील सेठी, संजीव जैन, अनिल लम्बा, राजेश चोना, सौरभ कुमार, विनीश खन्ना, राजेश डडवाल, शेरी सिंह, अरविंद अग्रवाल, वीरेंदर पाहवा, सुमित चौहान, अरुण वशिष्ठ, परीक्षित शर्मा, राजीव दुग्गल, अनिल मल्होत्रा, धर्मेन्द्र कुमार, संजय, संजीव सचदेवा, निशु गुप्ता, अनिल वर्मा, योगेश कुमार, राजेश ढींगरा, लाहौरी भाई, विक्रम सिंह, जगदीश कुमार, हर्ष बक्शी, मुकेश गुप्ता, विकास पृथि, केशो राम गोयल, विमल गोयल, नीरज शर्मा, लवली, डिम्पल राणा, मनदीप राणा, सोमपाल राणा, नवीन मनचंदा, परमिंदर सिंह, नवनीत मेहता, दमनप्रीत सिंह, राजीव मेहता, राजेश शर्मा, नीरज अरोड़ा,बच्चन नाथ, सुंदर नाथ, अश्विनी डांग, वरिंदर गांधी, वरिंदर सिंह, बलजीत सिंह, वरिंदर बाठ व अन्य उपस्थित थे।