भगवान के नाम का रस यदि पीना आ जाए तो उसका जीवन कभी नीरस नहीं होता- स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ‘‘जो इस दरबार में अर्जी तेरी मंजूर हो जाए तो गुनाहों का समुन्दर तुझसे कोसों दूर हो जाए’’ पर भाव विभोर हुए श्रद्धालु

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अम्बाला शहर
श्री कृष्ण कृपा गीता मंदिर सैक्टर-8 में नाम रस की महिमा पर प्रकाश डालते हुए महामण्डलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि भजन भाव का एक अलग ही आनन्द होता है। उन्होंने कहा कि रस कई प्रकार के होते हैं लेकिन जीव को यदि भगवान के नाम का रस यदि पीना आ जाए तो उसका जीवन कभी नीरस नहीं होता। उन्होंने कहा कि इसेे लेने में कोई खर्च नहीं, कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती लेकिन फिर इंसान नाम रस आसानी से नहीं लेता। स्वाद के लिए खाया गया मीठा पदार्थ जीभ को तो अच्छा लगता है परन्तु जैसे ही वह शरीर के भीतर प्रवेश करता है तो शरीर के लिए हानिकारक साबित होता है लेकिन भगवान के नाम का रस जो हमारी वाणी और कानों द्वारा श्रवण किया जाता है वह जब जीव के भीतर जाता है तो उसके लिए कल्याणकारी साबित होता है क्योंकि वह अन्तर्मन को छू जाता है जिससे जीव का जीवन महक उठता है। उन्होंनेे कहा कि नाम रस विलक्षण रस है जोकि नीरसता को दूर करता है।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि  पिछले लगभग 2 वर्षों से एक छोटे से वायरस के आगे पूरी दुनिया नतमस्तक है क्योंकि प्रकृति के आगे किसी का कोई बस नहीं चलता। लेकिन जिसने इस कोरोना काल में भगवान के नाम का रस ग्रहण किया है और अपने घरों में नियमित रूप से हवन-यज्ञ किया है वहां पर कोरोना वायरस को नतमस्तक होना पड़ा है। उन्होंने प्ररेणा देते हुए कहा कि नाम सिरमन और ध्यान से बढक़र कोई टॉनिक नहीं और हवन यज्ञ से बढक़र कोई सैनीटाईटर नहीं। इसलिए जीव को नियमित रूप से यज्ञ भाव के गीता मंत्रों का पाठ और हवन यज्ञ अवश्य करना चाहिए। इस अवसर पर संगीत सम्राट व भजनोपदेश कपिल बंधुओं ने जब भजन ‘‘जो इस दरबार में अर्जी तेरी मंजूर हो जाए तो गुनाहों का समुन्दर तुझसे कोसों दूर हो जाए’’, तथा ‘‘तेरा दरबार सांवरा, जहां से न्यारा जिसने ध्याया उसने पाया तेरा सहारा’’ व पवन गुम्बर द्वारा गाए भजनों ने श्रोताओं का मन मोह लिया। स्वामी ज्ञाननंद जी महाराज ने कपिल बंधुओं द्वारा गाए भजनों की भूरि-भूरि प्रशंसा की व शुभ आशीष भी दिया। इस अवसर पर राजू चावला, अशोक चावला, दिनेश ग्रोवर, केवल चावला, सतीश कपूर, सतीश चावला, रमेश सचदेवा, भारत भूषण बत्तरा, शाम जुनेजा, मुकेश कालड़ा, रमेश गांधी, सतीश चावला, मोनू खरबंदा, मोनू चावला, पंडित तिलकराज शर्मा, राजेन्द्र चोपड़ा समेत भारी संख्या में श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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