हरियाणा की इस छोरी को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

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– 17 साल में किए सामाजिक कार्य व मानव जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास को लेकर किया गया सम्मानित

– मेयर हाउस पहुंचने पर मेयर मदन चौहान ने पुष्प गुच्छ देकर किया स्वागत

– पत्रकारों से की बातचीत, बोली, अब संयुक्त राष्ट्र में करना चाहती है भारत का प्रतिनिधित्वः

यमुना टाइम्स ब्यूरो

यमुनानगर(ओझा) स्थानीय प्रोफेसर कॉलोनी निवासी 22 वर्षीय संजोली बैनर्जी को विश्व के सबसे प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय डायना पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार 17 साल में किए सामाजिक कार्य व मानव जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास को लेकर दिया गया। रविवार को मेयर हाउस पहुंचने पर नगर निगम मेयर मदन चौहान ने संजोली बैनर्जी, उसके पिता मिहिर बैनर्जी व अनन्या बैनर्जी को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। साथ ही पत्रकारों से बातचीत की।

  1. पत्रकारों से बातचीत में संजोली बैनर्जी ने बताया कि यह पुरस्कार प्रिंसेज ऑफ वेल्स डायना की स्मृति में दिया जाता है। इस पुरस्कार के लिए उसका चयन डायना अवार्ड जजिंग पैनल्स के 12 सदस्यों द्वारा किया गया, जो कि बहुत कठिन व चुनौती भरा था। यह आवार्ड बर्मिंघम पैलेस में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मान समारोह में दिया जाता है। लेकिन कोरोना महामारी की मध्यनजर यह आवार्ड वर्चुअल सेरेमनी द्वारा नवाजा गया। मेयर मदन चौहान व संजोली के पिता मिहिर बैनर्जी ने बताया कि संजोली मूल रूप से प्रोफेसर कॉलोनी की रहने वाली है। संजोली पांच वर्ष की उम्र से सामाजिक कार्य कर रही है। उसने ‘बेटी बचाओ-पृथ्वी बचाओ के तहत लघु फिल्में बेटी और अर्थ लपटों में बनाई। 4500 किलोमीटर के जागरूकता अभियान में हजारों लोगों को जागरूक किया व सैकड़ों पेड़ लगाए। इसके अतिरिक्त वह करनाल के गांव दरड़ में निशुल्क मोबाइल स्कूल गरीब बच्चों के लिए चला रही है और उनके जीवन को दिशा देने का प्रयास कर रही है। अपनी छोटी बहन अनन्या के जन्म पर भारत की पहली लोहड़ी बेटी के नाम मनाकर उसने कन्या भ्रूण हत्या विरोधी अभियान को जन्म दिया। 2015 में उसने प्रधानमंत्री मोदी को 14 प्वाईंट्स का पत्र लिखा। जिसमें उसने महिला थाने, नेशनल कमिशन फ़ॉर गर्ल चाईल्ड आदि का सुझाव दिया। साल 2016 में 12वीं कक्षा में हरियाणा में टॉपर बनी संजाली विश्व की 8वें रैंकिंग ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनीवर्सिटी कैनबेरा में पढ़ी। वहां उसे स्कालरशिप मिली और उसने स्नातक इंटरनेशनल सिक्योरिटी स्टडीज फर्स्ट क्लास से पास की। इसी दौरान वह एक लायन्स क्लब द्वारा बेस्ट स्पीकर अवार्ड से नवाजी गई व सचिव भी चुनी गई। जिससे उन्हें अनेकों जिम्मेदारिया दी गई।

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20 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलियन संसद में बनी एक दिन पार्लियामेंट सदस्यः

संजोली ने बताया कि 20 साल की उम्र में उसे ऑस्ट्रेलियन फेडरल संसद में एक दिन का पार्लियामेंट सदस्य बनने का अवसर मिला। उसने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मोरिशन को चार्टर भी पेश किया। जिसमें महिला सशक्तिकरण की बात कही व जलवायु परिवर्तन की वजह से तापमान के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई। वहां भी उसने, भित्र क्षेत्रों में समाजिक कार्य किए। जिससे उसे उसकी यूनिवर्सिटी की ओर से एएनयू प्लस अवार्ड से सम्मानित किया गया। एएनयू की ओर से वह शैफील्ड यूनिवर्सिटी इंग्लैंड भेजी गई। जहां उन्होंने चेंज लेव कार्यक्रम के जरिए भिन्न क्षेत्रों में काम किया। जिससे कि मानव जीवन बेहतर हो सके। 2019 में संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय में भी वह चयनित हुई। द डायना अवार्ड के सीईओ टेसी ओजो ने भी संजोली को बधाई दी थी।

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पिता से मिली थी सामाजिक कार्य करने की प्रेरणाः

संजोली ने बताया कि उसे सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा अपने पिता से मिली। उसके पिता मिहिर बैनरजी शिक्षक हैं। जो बच्चों को संघ लोक सेवा आयोग व राज्य लोकसेवा आयोग, राज्य न्यायिक सेवा, अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की परीक्षा आइलेट्स आदि की पढ़ाई करवाकर उनके जीवन को एक नया रंग देते हैं। वह आज की नई पीढ़ी के लिए प्ररेणा का सत्रोत है। उन्होंने ही उसे अपने लिए नहीं, बल्कि समाज व देश के लिए जीवन जीने का तरीका बताया।

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संयुक्त राष्ट्र में करना चाहती है भारत का प्रतिनिधित्वः

मेयर चौहान ने बताया कि संजोली की छोटी बहन अनन्या भी एक सामाजिक कार्यकर्ता है। कोरोना काल की पहली और दूसरी लहर के दौरान लोगों की मेंटल हेल्थ व वेल बींग पर अभियान चला रही है और वेबिनार कर रही है। वह संजोली के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपना योगदान सामाजिक कार्यों में दे रही है। संजोली ने बताया कि भविष्य में वह भारत का नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र में करना चाहती है।

 

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