अनअप्रूव्ड कॉलोनियां,करोडों का खेला : मुख्यमंत्री के आदेश ताक पर

इस खबर को सुनें

करोड़ों का हो रहा खेला क्या पैसे कमाने के चक्कर में मुख्यमंत्री के आदेशों को जिले के अधिकारी दिखा रहे ठेंगा !

 

चार महीने से दो विभाग सरकार को नहीं दे पाए एक एक सवाल का जवाब जनता हो रही परेशान

 

यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर (राकेश भारतीय) यमुनानगर जगाधरी नगर निगम और राजस्व विभाग के चंद निकम्मे और निठल्ले अधिकारी चार महीने बीत जाने के बावजूद सरकार द्वारा मांगे गए दो सवालों का उत्तर नहीं दे पाये। जिसके चलते जहां जनता मारी मारी फिर रही है वही चंद भ्रष्ट अधिकारियों के दलाल जनता को उनकी अप्रूव्ड हो रही कॉलोनियो में बने घरों को तोड़ने का डर दिखा कर मोटी राशि लेने के बदले उनकी कॉलोनियों के घरों को अप्रूव्ड करने का झांसा देकर अपनी तिजोरिया भर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि जनता की परेशानी की यह बात चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के दरबार तक पहुंच चुकी है।

 


जो सही खबर वही के अपने स्लोगन को चरितार्थ करते हुए यमुना टाइम्स हमेशा जनता के हितों को सर्वोपरि मानते हुए उनके हितों की आवाज बनकर समाचार लगाता है आज जो समाचार हम आपको बता रहे हैं वह यह है कि मुख्यमंत्री ने कई महीने पूर्व यमुनानगर की 35 अनअप्रूव्ड कॉलोनियों को अप्रूव्ड करने की घोषणा की थी ताकि बढ़ती जनसंख्या के साथ बनी कॉलोनियों के लोग परेशान ना हो । उन्हें जन सुविधा और अन्य सरकारी सुविधाएं मिलने में कोई परेशानी ना हो। मुख्यमंत्री की घोषणा के पश्चात 17 अप्रैल 2023 को बाकायदा नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया और अब मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह ही यमुनानगर की लगभग 42 अनअप्रूव्ड कॉलोनीयों को भी अप्रूव्ड करने की घोषणा की है लेकिन लोग इसे लेकर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं और उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ने पहले जिन 35 कालोनियों को अप्रूव्ड करने की घोषणा की थी और बाकायदा नोटिफिकेशन भी हो गया था वह अभी तक अधर में है जिसके चलते जनता दर-दर की ठोकने खा रही है लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

 


यमुना टाइम्स ने इस संबंध में गहरी पड़ताल की तो लोगों ने खुलकर अपने दिल की पीड़ा व्यक्त की और बताया कि किस प्रकार वह एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर की ठोकरे खा रहे हैं लेकिन उन्हें कोई भी सही रास्ता नहीं बता रहा।
यमुनानगर के राजस्व विभाग और यमुनानगर जगाधरी नगर निगम के कर्मचारीयों और अधिकारियों का आलम यह है कि यूएलबी ने केवल दो सवाल दोनों विभागों से पूछे थे अर्थात दोनों विभागों से एक-एक सवाल पूछा गया था जिनका इन्होंने उत्तर देना था जिसमें यमुनानगर जगाधरी नगर निगम को इन अप्रूव्ड कॉलोनियों के लिए लगाए जाने वाले डेवलपमेंट चार्ज बारे पूछा गया था जबकि राजस्व विभाग से अनअप्रूव्ड कॉलोनियों को अप्रूव्ड करने के लिए कलेक्टर रेट निर्धारित करने थे लेकिन आज 25 अगस्त दिन शुक्रवार सुबह 11:00 बजे तक दोनों विभागों ने इसका उत्तर नहीं दिया पता चला है कि जनता की परेशानी की यह खबर सरकार तक पहुंची है तथा यूएलबी के डायरेक्टर व अन्य अधिकारी इसे खासे खफा है तथा उन्होंने निगम के साथ-साथ राजस्व विभाग के अधिकारियों को फटकार भी लगाई है। यहां यह बता दें कि चार महीने में दोनों विभागों द्वारा केवल एक प्रश्न का उत्तर न देने के पीछे बड़ा खेला होने का कारण बताया जा रहा है।
यह खेल क्या है इससे पूर्व यह बता दें कि सरकार जनता को सुविधाएं देने के लिए अपनी कृत संकल्पपता को दोहरा रही है और वह नहीं चाहती कि जनता को किसी भी तरह की परेशानी का सामना करना पड़े। यदि यह दोनों विभाग अपना उत्तर भेज देते हैं तो ulb पर यह उत्तर पहुंचते ही ऑटोमेटिक 35 अनअप्रूव्ड कॉलोनियां अप्रूव्ड हो जाएंगी तथा इन कॉलोनीयों में रहने वाले लोगों को अपनी कॉलोनी को अप्रूव्ड करने के लिए कहीं भी जाने या धक्के खाने की आवश्यकता नहीं होगी लेकिन यदि ऐसा होगा तो भ्रष्ट अधिकारियों का पेट कैसे भरेगा इसलिए आरोप लग रहे हैं कि ऐसे अधिकारी इस उत्तर को रोक कर जनता की परेशानी को बढ़ाकर उनकी जेबें ढीली करना चाहते हैं। यदि आप भी ऐसी समस्या से हो रहे हैं दो चार तो हमें अपनी राय अवश्य भेजें।

रिर्पोट :- राकेश भारतीय

इस संबंध में जब राजस्व विभाग के अधिकारियों का पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो जिला राजस्व अधिकारी को अवकाश पर गया बताया गया जबकि यमुनानगर जगाधरी नगर निगम के एएमसी धीरज से उनके फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा किजब तक राजस्व विभाग इन कॉलोनीयों के कलेक्टर रेट तय नहीं करता हमारा विभागडेवलपमेंट चार्ज निर्धारित नहीं कर सकता जैसे ही रासो विभागकलेक्टर रेट निर्धारित करेगा निगम द्वारा डेवलपमेंट चार्ज निर्धारित कर उल को उत्तर भेज दिया जाएगा।
बहरहाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेशों के पश्चात नोटिफिकेशन जारी होने के 4 महीने बीत जाने के बावजूद केवल दो उत्तर यमुनानगर के दो विभाग भले ही किसी भी कारण से ना भेज पाए हो लेकिन इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है तथा जनता की सरकार के प्रति नाराजगी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे