गुस्ताखी माफ़ हरियाणा:(पवन कुमार बंसल) लाला मातूराम की जलेबी और बूंदी के लड्डू – अमित शाह सोनीपत से भाजपा उमीदवार।
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आज गोहाना में जनाब अमित शाह की रैली देखने वहां लाला मातु राम की खस्ता जलेबी जिन्हें जलेब कहते हैं खाने को मिल सकती है। हरियाणा मेजबानी के लिए जाना जाता है। मनोहर लाल जी उनके अतिथि जनाब अमित शाह को जलेबी जरूर खिलाएंगे। हो सकता है कुछ पत्रकारों की मेजबानी भी हो जाए। नहीं तो गोहाना के कई पत्रकार मित्रो का आमंत्रण है।
लाला जी ने गोहाना से पहले रोहतक स्टेशन के पास रेहड़ी पर जलेबी बेचना शुरू किया था। वयोवृद्ध एवं सम्मानित पत्रकार जनाब मनमोहन शर्मा के अनुसार जलेबियों के स्वाद और लाला जी के नरम व्यहार के चलते उनका काम चल निकला। सो वहां के पुराने हलवाइयों का धंधा चौपट होने लगा तो उन्होंने लाला जी को वहां से भगा दिया। अब लाला जी परेशान। हरियाणा का और खासतौर पर देशवाली एरिया जिसमें गोहाना भी आता है का जाट तो कमजोर की मदद के लिए तैयार रहता है। सो उन्होंने लाला जी से गोहाना में धंधा करने को कहा और धंधा चल निकला। आज मातु राम की जलेबी देश में ही नहीं विदेश में भी मशहूर है।
चूंकि लाला जी ने उसका पेटेंट नहीं करवाया इसलिए जगह- जगह मातु राम की जलेबी के नाम से दुकानें खुल गयी हैं। यहाँ तक की गुरुग्राम में भी।
लाला जी के बूंदी के लड्डू भी मशहूर हैं।
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उनकी जलेबी ही नहीं बूंदी के लड्डू भी काफी महशूर हैं। मेरे पड़ोसी और रिटायर्ड सेशन जज जनाब जागलान साहिब ने बताया की उन्होंने अपनी लड़कियों की शादी में गोहाना से लड्डू मंगवाए थे।
गोहाना में एक दशक पहले तत्कालीन चीफ मिनिस्टर भूपिंदर हूडा दहाड़े थे। उनकी दहाड़ का तो चुनाव में असर नहीं हुआ। अमित शाह गोहाना में जाटों का दिल जितने आये हैं। गोहाना रैली में हूडा ने गोहाना से खास प्रेम बताते हुए एलान किया था की वो चुनाव यहाँ से लड़ सकते है। खैर तब उन्होंने असेम्ब्ली चुनाव तो नहीं लड़ा लेकिन कई साल बाद सोनीपत से लोकसभा का चुनाव लड़ा और चित हो गए।
वैसे मनोहर जी , अमित शाह को सोनीपत से लोकसभा चुनाव लड़ने का न्योता दे सकते हैं। मौजूदा सांसद रमेश कौशिक को गवर्नर बनाया जा सकता है। ऐसी चर्चा है की जब फ़क़ीर अपना झोला उठाकर चला जायेगा तो उसकी जगह शाह लेंगे। और जैसा की कई आत्ममुग्ध चैनेल सर्वे कर
दिखा रहे हैं कि चुनाव के बाद भाजपा की सरकार बनेगी सो अगर शाह यहाँ से सांसद होंगे तो हरियाणा का प्रधानमंत्री होगा और विकास की झड़ी लग जाएगी। .
वैसे देश के कामचलाऊ प्रधानमंत्री चरण सिंह जो संसद का सामना करने से पहले ही इस्तीफ़ा दे गए थे की सुसराल भी हरियाणा में थी। मतलब हरियाणा का बटेऊ प्रधानमंत्री बना। फिर यहाँ का ताऊ देवीलाल बनते -बनते रह गया और अपना ताज वी पी सिंह के सर पर ओढ़ा दिया।
गोहाना की जलेबी भजन लाल के लिए कड़वी साबित हुई।
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गोहाना में तब कांग्रेस सदर भूपिदंर हूडा ने जनसभा की थी जिसमे भजन लाल को अपमानित किया गया था। उसमें सीता राम केसरी आये थे और उनके लिए चिकन का खासतौर पर इंतजाम किया था। पूरा चिकन हजम कर गए और डकार भी नहीं लिया था सीता राम केसरी ने। वैसे हूडा ने तब तो केसरी के स्वागत में पालक – पांवड़े बिछा दिए लेकिन जब केसरी के बुरे दिन आये तो हूडा ने भी उनसे कन्नी काट ली। राजनीती में यह चलता है। कभी मनोहर लाल कृष्ण आडवाणी के चेले थे और अब मोदी के। चढ़ते सूरज को सलाम। वैसे अगर कल को शाह मोदी को ठेंगा दिखा दें जिसकी संभावना कम है तो अपने मनोहर लाल भी शाह शरणम गच्छामि हो जायेंगे।
पोस्ट लम्बी हो रही है और लगता है पाठक बोर हो रहे हैं। सो पूर्ण विश्राम।