हर हर महादेव’ के उद्घोष के साथ संपन्न हुई श्रीमद् भागवत कथा

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हर हर महादेव’ के उद्घोष के साथ संपन्न हुई श्रीमद् भागवत कथा

100 कुंडीय श्री लक्ष्मी गणेश महायज्ञ की पूर्णाहुति पर देश प्रदेश के साधु संतो ने की शिरकत

यमुना टाइम्स ब्यूरो

यमुनानगर, 4 अक्टूबर (राकेश भारतीय) गत अमावस्या पर हुई कलश यात्रा के पश्चात पहले नवरात्र पर प्रारंभ हुए 100 कुंडीय श्री लक्ष्मी गणेश महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा पवित्र हवन कुंडों में पूर्णाहुति डाल मंगलवार को मां सिद्धिदात्री के नौवें नवरात्रे पर संपन्न हुई। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु एवं -देश प्रदेश से आए साधु-संतों ब्राह्मणों, ब्रह्मचारीयों, एवं दांडी साधुओं ने शिरकत कर सर्व समाज की मंगल कामना कर उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया।

श्रीमद भगवत कथा के समापन के पश्चात कथावाचक पूजनीय श्री त्रंबकेश्वर जी महाराज द्वारा आमजन से कथा के पश्चात दक्षिणा देने की बात कही, उपस्थित जनसमूह ने हाथ खड़े कर दक्षिणा देने की सहमति जाहिर की तो इस पर श्री त्रंबकेश्वर महाराज जी ने बताया कि उन्हें या ईश्वर को दक्षिणा धन के रूप में नहीं दोष के रुप में चाहिए अर्थात कथा में बैठे सभी श्रोतागण आज अपना कोई दोष या किसी बुरी चीज का सेवन ना करने किसी बुरी जगह ना जाने अर्थात

कोई एक बुरा कार्य यहां छोड़कर जाए और प्रण लेकर जाएं कि भविष्य में वह इस बुरे कार्यों को कभी नहीं करेंगे, जिससे उनके स्वास्थ्य की परिवार की समाज की एवं समस्त जगत की हानि होती है और इसी के साथ ही प्रतिदिन एक नेक कार्य करने की भी प्रतिज्ञा ले ईश्वर को एवं साधुओं के लिए यही दक्षिणा सबसे उत्तम है।

अखिल भारत वर्षीय धर्म संघ व स्वामी करपात्री फाउंडेशन एवं श्री सूर्य कुंड मंदिर द्वारा आयोजित इस धार्मिक समागम के समापन पर श्री सूर्य कुंड मंदिर के महंत डॉ श्री गुण प्रकाश चैतन्य महाराज एवं परम पूजनीय श्री त्रंबकेश्वर जी महाराज द्वारा धार्मिक समागम में तन मन धन से सहयोग करने वाले सज्जनों को सम्मानित कर आशीर्वाद स्वरूप उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए। डॉक्टर गुण प्रकाश चैतन्य महाराज ने उपस्थित जनसमूह का धन्यवाद करते हुए घोषणा की की भविष्य में भी यमुनानगर की इस पावन धरती पर ऐसे धार्मिक आयोजन होते रहेंगे।उन्होंने बताया कि यमुनानगर निवासियों एवं श्री बल्लारपुर इंडस्ट्रीज पेपर मिल यमुनानगर के साथ साथ प्रदेश एवं देश भर से आए धर्म प्रेमियों ने भी इस समागम में बढ़-चढ़कर तन मन धन से सहयोग दिया, इन सज्जनों एवं धर्म प्रेमियों का कार्य सराहनीय एवं प्रशंसनीय है। महायज्ञ की पूर्णाहुति एवं श्रीमद् भागवत कथा के समापन के पश्चात उपस्थित श्रद्धालुओं एवं धर्म प्रेमियों  को भोजन प्रसाद ग्रहण करवाया गया।

 

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