अधिकारी दफ्तर में बैठ बनाते रहे योजना – बर्बाद हुई कई एकड़ फसल : बतरा
बरसाती नदी का पानी घुसा कई गांवों में, हजारों एकड़ फसल जलमग्न, किसान बेहाल
यमुना टाइम्स ब्यूरो
यमुनानगर (राकेश भारतीय) : पहाड़ों पर हो रही बरसात से बरसाती नदियां उफान पर है। यमुनानगर में सोम और पथराला नदी उफान पर आने से कई गांव बाढ़ की चपेट में है। कांग्रेस नेता श्याम सुंदर बतरा ने बाढ़ से प्रभावित कई गांव का दौरा किया। उन्होंने कहा कि जिले के कई गांवों में इस बार भी बरसाती नदी का पानी घुसने से किसानों की हजारों एकड़ फसल तबाह हो गई है। लगातार मौसम विभाग की चेतावनी और पूर्वानुमान के बावजूद प्रशासन की ओर से बाढ़ बचाव के प्रभावी उपाय नहीं किए गए, जिससे स्थिति बेकाबू होती चली गई। नतीजा – किसान एक बार फिर अपने खेतों में खड़ी फसल को डूबते हुए देखने को मजबूर हैं।
*गांवों में भरा नदी का पानी, खेत बने तालाब : बतरा*
कांग्रेस नेता श्याम सुंदर बतरा ने कहा कि खानूवाला, लोपियो, तिहानो, हड़ौली, खानपुरा, खानपुरी, बलोली, सैनी माजरा, ऊर्जनी, याकूबपुर जैसे दर्जनों गांवों में बारिश और बरसाती नदियों के उफान के चलते पानी खेतों और रिहायशी इलाकों तक पहुंच गया। कई इलाकों में तो घरों में भी पानी घुस गया है। जिन किसानों ने गन्ना, धान, मक्का और सब्जियों की खेती की थी, उनकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।
*किसानों की पीड़ा – “हर साल होता है नुकसान, कोई सुनवाई नहीं”*
कांग्रेस नेता श्याम सुंदर बतरा ने कहा कि “हर साल पानी आता है, हर साल फसल डूबती है, लेकिन प्रशासन के लिए ये सिर्फ आंकड़े हैं। किसानों की मेहनत पर हल साल यूंही पानी फिर जाता है। अधिकारी सिर्फ दफ्तरों में बैठ कर योजना बनाते है जो कभी सीरे नहीं चढ़ती।
*सरकार की लापरवाही बनी सालाना तबाही की वजह*
बाढ़ नियंत्रण को लेकर सरकार और जिला प्रशासन की योजनाएं हर साल बनती हैं, बजट भी जारी होता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि तैयारी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहती है। अधिकारी अक्सर समय रहते गांवों में नहीं पहुंचते और नदियों के आसपास के इलाकों में बांध या तटबंधों की मरम्मत नहीं की जाती।
*सरकार से मांग – समय रहते उठाए कदम*
कांग्रेस नेता ने इस दौरान दर्जनों किसानों से बातचीत की और मौजूदा स्थिति ओर समस्या पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसानों और गांववासियों की मांग है कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी समाधान की दिशा में काम किया जाए। नदियों के किनारे मजबूत तटबंध बनें, जल निकासी की समुचित व्यवस्था हो और किसानों को मुआवजा बिना देरी के दिया जाए।
इस दौरान सुखदेव सिंह, हरदेव सिंह, फूल सिंह सैनी, बीर सिंह सैनी, जसबीर सिंह, विक्रम सिंह राठी, रिंकू, अनिल, सुरिंदर सिंह, जयभगवान,सतनाम सिंह,विपिन शर्मा अन्य अन्य कई किसानों से मिले और जानकारी हासिल की।