हरियाणा में रिटायर्ड टीचरों पर कोरोना की दोहरी मार

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  • शिक्षा विभाग ने 2 महीने पहले ही खत्म किया 800 शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट; मार्च 2022 तक करनी थी नौकरी

  • चंडीगढ़ हरियाणा के सरकारी स्कूलों में नियुक्त 800 रिटायर्ड टीचरों को शिक्षा निदेशालय ने हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। सभी स्कूल प्रिंसिपलों को इन्हें भारमुक्त करने को कह दिया गया है। सरकार ने कोरोना के चलते स्कूल बंद होने के कारण इन्हें जनवरी में हटा दिया। जबकि पिछले वर्ष शिक्षा विभाग ने फरवरी में इन्हें हटाया था। वर्ष 2021 में सितंबर में रि-एंगेजमेंट पॉलिसी के तहत इन्हें रखा गया था। इनका अनुबंध 31 मार्च 2022 तक था।
    परंतु कोरोना काल में दो महीने पहले ही सरकार ने इन्हें हटाने के आदेश जारी कर दिए। क्योंकि कोरोना के चलते एक जनवरी से स्कूल बंद हैं। अब सरकार ने एक फरवरी से 10,11वीं और 12 वीं के स्कूल खोलने के आदेश जारी किए हैं। बाकी कक्षाओं के बच्चे ऑनलाइन ही पढ़ेंगे। सरकार ने पहले ही 50 प्रतिशत स्टॉफ को आने के आदेश दिए हैं। ऐसे में स्कूलों में बच्चों की संख्या को देखते हुए स्टॉफ पर्याप्त है। वैसे भी ऑनलाइन स्टडी भी चल रही है।
  • रिपोर्ट:राकेश भारतीय
    रिपोर्ट :राकेश भारतीय

    2017 में रखा था सुगम शिक्षा पॉलिसी के तहत
    हरियाणा सरकार ने स्कूलों में स्टॉफ की संख्या कम होने के कारण रिटायर्ड टीचरों को सुगम शिक्षा पॉलिसी के तहत अनुबंध पर रखा। यह पॉलिसी 2017 में सरकार लेकर आई थी। उस समय सालाना 22 करोड़ रुपए का बजट इसके लिए निर्धारित किया था। हर जिले को 1 करोड़ रुपए बजट अलॉट किया गया था।
    पीआरटी से लेकर पीजीटी तक की जॉइनिंग
    पीआरटी टीचर को 21,715 रुपए प्रति महीना, टीजीटी को 24,001 रुपए प्रति महीना और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर को 29715 को प्रति महीना दिया जाता है।
    निुयक्ति के ये थे नियम
    सरकार ने इनकी नियुक्ति के लिए कुछ नियम निर्धारित किए हैं, जिसके तहत पिछले 10 सालों का रिजल्ट और क्वालिफिकेशन का नियम भी शामिल है। पीजीटी, टीजीटी, सीएंडवी और पीआरटी के लिए कुल 100 अंक निर्धारित किए गए थे। इसमें 50 अंक रिजल्ट के और 50 अंक अनुभव के हैं।

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